भाई दूज पर HRTC का बड़ा ऐलान, महिलाएं बस में कर सकती हैं निशुल्क यात्रा, लेकिन…!


शिमला: हिमाचल प्रदेश में भाई दूज (गुरुवार, 23 अक्टूबर को) पर महिलाओं को एचआरटीसी बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी. निगम प्रबंधन कार्यालय की ओर से ड्राइवर और कंडक्टर को आदेश जारी किए गए हैं कि भाई दूज पर हर स्टॉपेज पर महिलाओं के लिए बस रोकी जाए. ऐसा नहीं करने पर चालक या परिचालक की यदि शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी.

HRTC में सूर्योदय से सूर्यास्त तक निशुल्क यात्रा
एचआरटीसी प्रबंधन के अनुसार, बसों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक महिलाओं को बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा रहेगी. इसके बाद यानी सूर्यास्त के बाद निगम की बसों में महिलाओं से पहले की तरह आधा किराया लिया जाएगा. एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट दी जाती है. भाई दूज पर कई बार प्रदेश से बाहरी राज्यों जैसे चंडीगढ़ एवं दिल्ली जाने वाली महिलाओं का किराए को लेकर विवाद हो जाता है. निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि यह सुविधा केवल हिमाचल की सीमा तक सूर्योदय से सूर्यास्त तक मिलेगी.

सूर्यास्त के बाद देना होगा आधा किराया
एचआरटीसी के एमडी निपुण जिंदल ने बताया कि, “भाई दूज के पावन अवसर पर महिलाओं को निगम की बस में सूर्योदय से सूर्यास्त तक निशुल्क यात्रा का लाभ मिलेगा. इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए गए है. पिछले साल भी भाई दूज पर लाखों महिलाओं ने इसका लाभ उठाया था. भाई दूज के मौके पर सभी निगम की बसों में महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिली थी.”

हिमाचल में एचआरटीसी बसों की संख्या
एचआरटीसी के एमडी ने बताया कि, वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की लगभग 3400 बसें हैं. इसमें से विभिन्न रूटों पर करीब 3250 बसें चल रही हैं, जबकि बाहरी राज्य में 250 रुटों पर एचआरटीसी की बस चलती है. भाई दूज के अवसर पर प्रदेश की महिलाएं केवल हिमाचल में ही फ्री यात्रा का लाभ उठा सकती हैं. प्रदेश से बाहर जाने पर उन्हें पहले से निर्धारित किराया देकर सफर करना होगा.

भाई-बहन के पवित्र और प्रेमपूर्ण रिश्ते का उत्सव भाई दूज
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला भाई दूज महज एक पारंपरिक त्योहार ही नहीं है, बल्कि ये भाई-बहन के पवित्र और प्रेमपूर्ण रिश्ते का भी उत्सव है. इस साल भाई दूज गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 को है. भाई दूज पर बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, तो वही भाई अपनी बहन की सुरक्षा और सम्मान का वचन देता है.

 

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