बिस्तर में पेशाब करना बच्चों की एक आम समस्या है। बच्चा छोटा है तब तक तो ये सब चलता है। लेकिन बच्चे के बड़े हो जाने के बाद भी यदि ये दिक्कत आती है तो इसका निवारण जरूरी है। 6 साल के बच्चे का बिस्तर गीला करना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। एक स्टडी की माने तो यदि पेरेंट्स बचपन में बिस्तर गीला करते थे तो उनके बच्चों को ये समस्या होने के 70 प्रतिशत चांस हैं। दरअसल DNA में मौजूद chromosome द्वारा यह शारीरिक गुण मां बाप से बच्चों में भी आ जाता है।
कुछ खास तरीकों से आप बच्चे की ये आदत बदल भी सकते हैं। जैसे रात में एक दो बजे उसे उठाकर बाथरूम कराने ले जाए। रात में 8 बजे बाद उसे कम पानी दें। सोने से पहले बाथरूम करवाएं। कमरे की लाइट थोड़ी जलने दें ताकि बच्चे को बाथरूम तक खुद जाने में डर न लगें। इसके अलावा कुछ और घरेलू उपाय भी हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं।
बिस्तर में पेशाब रोकने के घरेलू नुस्खे
छुहारा: सोने से पहले बच्चे को दो से तीन छुहारे खिला दें। शाम के बाद उसे ज्यादा पेय पदार्थ न दें। भोजन में आलू का हलवा खिलाएं। आपकी समस्या खत्म हो जाएगी।
तिल और गुड़: तिल, गुड़ और अजवायन का चूर्ण बनाकर बच्चे को खिलाएं। इससे न सिर्फ उसकी बिस्तर में पेशाब की आदत चली जाएगी बल्कि उसे शारीरिक लाभ भी होंगे।
दूध और शहद: 40 दिनों तक बच्चे को सुबह शाम एक कप ठंडे दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पिलाएं। साथ ही दूध देते समय बच्चे को तिल गुड़ के लड्डू भी सुबह दे सकते हैं। इससे बच्चा बस्तर में पेशाब करना बंद कर देगा।
अखरोट और किशमिश: 15-20 दिनों तक बच्चे को रोजाना 2 अखरोट और 10-12 किशमिश के दाने खिलाएं। इसके अलावा दो ग्राम पिसी हुई मिश्री यानि लगभग एक चम्मच बच्चे को देकर उसे ठंडा पानी पिलाएं। उसका बिस्तर में पेशाब का रोग खत्म हो जाएगा।
आंवला: 1 ग्राम पिसा आंवला, एक ग्राम पिसा काला जीरा और दो ग्राम पीसी मिश्री लेकर इसका चूनर बना लें। इसकी एक चम्मच बच्चे को देकर शीतल जल पिलाएं। इसके आलवा 50 ग्राम सूखा आंवला और 50 ग्राम काला जीरा को कूट लें और से 300 ग्राम शुद्ध शहद में मिला दें। अब इसे रोज 6 ग्राम सुबह शाम बच्चे को चटाएं।
इसके अलावा बच्चे को सोने से पहले ज्यादा पानी न दें। कोशिश करें कि उसकी नींद में भी कोई डिस्टर्ब न करें। उसे मीठी नींद आए। इस तरह वह पूरी रात बिना उठे सोया रहेगा और सुबह डायरेक्ट दिन में ही उठेगा।