एक बार इसे खा लें बस, राजा-महाराजा करते थे इन जड़ी बूटियों का इस्‍तेमाल..

एक बार इसे खा लें बस, राजा-महाराजा करते थे इन जड़ी बूटियों का इस्‍तेमाल..

आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे एक ऐसे औषधि के बारे में जिसे अगर आप खा लेते हैं तो इससे आपको बुढ़ापे में भी मर्दाना कमजोरी का एहसास नहीं होगा। साथ ही साथ शरीर स्वस्थ और सेहतमंद रहेगा।

तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
सामग्री-

1 .अश्वगंधा की जड़ 25 ग्राम।

2 .सफेद मूसली की जड़ 25 ग्राम।

3 .शुद्ध शिलाजीत 25 ग्राम।

4 .काली कौंच का बीज 25 ग्राम।

5 .ताल मिश्री 25 ग्राम (जरुरत के अनुसार)

औषधि बनाने की विधि- आप इन सभी सामग्री को पंसारी के दुकान से खरीद लें। इसके बाद आप आप इसे एक साथ पीसकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर में ज़रूरत अनुसार शहद को मिलाएं। फिर से छोटी छोटी गोली बना लें। आपकी ये औषधि तैयार हो जाएगी। इसे आप एक डिब्बे में बंद करके रख दें।

सेवन करने की विधि- आयुर्वेदिक डॉक्टरों की मानें तो इस औषधि का सेवन रात में करना ज्यादा फायदेमंद होता हैं। इससे शरीर में टेस्टेस्टेरोन हार्मोन का निर्माण तेजी के साथ होता हैं। इसलिए आप रात को सोने से पहले एक गोली एक गिलाश गर्म दूध के साथ सेवन करें। इससे आपको बुढ़ापे में भी मर्दाना ताकत में कमी नहीं होगी।

इस दवा के सेवन करने से पेल्विक एरिया की मसल्स मजबूत हो जाती हैं। साथ ही साथ ब्लड का सर्कुलेशन भी तेज हो जाता हैं। जिससे शीघ्रपतन, नपुंसकता, स्पर्म काउंट, बांझपन और इरेक्शन संबंधित सारी परेशानी खत्म हो जाती हैं। इसलिए आप इस औषधि का सेवन कर सकते हैं।

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