यहां आज भी रखा है भगवान परशुराम का फरसा, 3 क्रेन मिलकर भी इसे हिला तक नहीं पाईं …

यहां आज भी रखा है भगवान परशुराम का फरसा, 3 क्रेन मिलकर भी इसे हिला तक नहीं पाईं …

झारखंड के गुमला जिले में एक पहाड़ पर स्थित है टांगीनाथ धाम। दावा किया जाता है कि इस पहाड़ी पर एक मंदिर में भगवान परशुराम का फरसा गड़ा है। यहां रहने वाले लोगों के मुताबिक, एक बार एक लोहार ने परशुराम के फरसा को चोरी करने की कोशिश की थी।थोड़े दिनों बाद उसकी मौत हो गई। कहा जाता है कि जो भी इस फरसा से छेड़छाड़ की कोशिश करता है उसे खामियाजा भुगतना पड़ता है।

कहा जाता है कि खुले में रहने के बावजूद, परशुराम के फरसा में आजतक कभी जंग नहीं लगा। जंग न लगने की खासियत से आकर्षित होकर इलाके के में रहने वाली लोहार जनजाति के कुछ लोगों ने फरसे को ले जाने की कोशिश की थी। उखाड़ने की कोशिश में असफल होने पर उन्होंने फरसे के ऊपरी भाग को काट दिया, लेकिन उसे भी नहीं ले जा सके। इस घटना से सबक लेते हुए लोगों ने जमीन की ढलाई करवा दी और उसी ढलाई में फरसे का टूटा हुआ हिस्सा भी स्थापित कर दिया। उधर, फरसे से छेड़छाड़ का खामियाजा लोहार जाति को अब भी भुगतना पड़ रहा है। कई जेनरेशन के बाद आज भी उस जाति का कोई व्यक्ति टांगीनाथ धाम के आस-पास के गांवों में नहीं रह पाता।

कहते हैं उक्त घटना के बाद से ही इलाके में लोहार जाति के लोगों की एक-एक कर मौत होने लगी। डर के मारे उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया और अब भी धाम के आसपास फटकने से डरते हैं। टांगीनाथ धाम में सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग और प्राचीन प्रतिमाएं खुले आसमान के नीचे पड़ी हैं। ये प्रतिमाएं उत्कल के भुवनेश्वर, मुक्तेश्वर, गौरी केदार आदि स्थानों से खुदाई में प्राप्त मूर्तियों से मेल खाती हैं।

बता दें कि पुरातत्व विभाग ने 1989 में टांगीनाथ धाम में खुदाई करवाई थी। इसमें सोने-चांदी के आभूषण समेत कई कीमती वस्तुएं मिली थीं। कुछ कारणों से यहां खुदाई जल्दी ही बंद कर दी गई और हमारे धरोहर फिर जमीन में दबे रहे गए। खुदाई में हीरा जड़ित मुकुट, चांदी के अर्द्धगोलाकर सिक्के, सोने के कड़े, सोने की बालियां, तांबे की बनी टिफिन जिसमें काला तिल व चावल रखा था, आदि चीजें मिलीं थीं। ये सब चीज़े आज भी डुमरी थाना के मालखाने में रखी हुई हैं। खुदाई के अचानक बंद होने और वस्तुओं को मालखाने में पड़े होने के पीछे क्या वजह थी, यह आज भी रहस्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *