केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व वाली एनडीए सरकार और महाराष्ट्र की महायुति महागठबंधन की सरकार महाराष्ट्र की महिलाओं की स्थिति को हर स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से कई पहल की हैं। राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक और शैक्षिक स्तर पर मजबूत करने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए योजनाएं संचालित कर रही है।
क्या महाराष्ट्र की महिलाएं भाजपा के प्रतिनिधित्व वाली महायुति सरकार के प्रयासों से वो संतुष्ट हैं? महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं के बारे में वो क्या सोचती हैं? महाराष्ट्र चुनाव से पहले वनइंडिया की टीम ने राज्य की महिलाओं के बीच ऐसी ही सवाल लेकर पहुंची।
वन इंडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र की महिलाओं ने केंद्र और महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा महिलाएं इन योजनाओं से अधिक सक्षम हो रही हैंं और सरकार से सहयोग मिलने से उनकी समस्याएं समाप्त हो रही है।
बता दें भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक भागीदारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है। जाति और धर्म पर पारंपरिक राजनीतिक फोकस से आगे बढ़कर महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से तेजी से राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देना है।
आइए जानते हैं महिला सशक्तिकरण के लिए महायुति महागठबंधन के जिन प्रयासों की प्रशंसा महिलाएं कर रही हैं वो कौन सी योजनाएं हैं?
“मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना”
महाराष्ट्र सरकार ने जुलाई महीने में “मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना” शुरूआत की। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 15,000 रुपये मासिक जमा किए जाते हैं, जो सालाना 180,000 रुपये तक पहुंच जाते हैं।
1.5 करोड़ से अधिक महिलाओं ने करवाए रजिस्ट्रेशन
1.5 करोड़ से अधिक रजिस्ट्रेशन और लाखों महिलाओं को इस योजना की किश्ते खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। यह योजना महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 30 सितंबर इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करने की आखिरी तारीख है।
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजना
आर्थिक बाधाओं के कारण लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में अक्सर आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए, राज्य ने सालाना 7.5 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों से आने वाली लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा निःशुल्क घोषित की है। इस निर्णय से आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की लड़कियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे उन्हें बेहतर नौकरी के अवसर मिलने की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
महिलाओं के लिए अन्नपूर्णा योजना
स्वास्थ्य के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री की अन्नपूर्णा योजना आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए राहत के रूप में सामने आई है, जिसमें हर साल तीन मुफ़्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाते हैं। यह कदम अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण प्रभावित घरेलू गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव के जवाब में उठाया गया है।
उज्ज्वला योजना
घरों पर वित्तीय दबाव को कम करके और स्वच्छ खाना पकाने के तरीकों को बढ़ावा देकर, इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है। उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन प्रदान करके इस प्रयास को पूरा करती है, जो श्वसन संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करती है।
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना अपनी आकर्षक ब्याज दरों के लिए जानी जाती है, जिससे परिवार अपनी बेटियों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
महिलाओं को बस यात्रा में 50% छूट
महाराष्ट्र सरकार द्वारा महिलाओं को बस यात्रा के लिए 50% छूट देकर प्रोत्साहित करने का तरीका कर्नाटक की मुफ़्त यात्रा नीति के विपरीत है, जिसका परिवहन निगम पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ा। हालाँकि, महाराष्ट्र की रणनीति लाभदायक साबित हुई है, जिससे राज्य परिवहन निगम को नौ वर्षों में पहली बार लाभ हुआ है।
“लेक लड़की” योजना (Lek Ladki Yojana)
“लेक लड़की” योजना का उद्देश्य 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर लड़कियों को 1 लाख रुपये देने का वादा करके बालिका जन्म दर को संतुलित करना है। सरकार महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में आरक्षण की घोषणा करके महिला राजनीतिक भागीदारी को भी बढ़ावा दे रही है।
बढ़ाया गया मातृत्व अवकाश
खास बात यह है कि मातृत्व और पितृत्व अवकाश को 12 से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना परिवार की खुशहाली के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब घर की महिला के नाम पर घर का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रिपल तलाक प्रथा समाप्त
मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम ट्रिपल तलाक प्रथा का उन्मूलन है, जो एक समय में तीन बार “तलाक” बोलकर तुरंत तलाक की अनुमति देता था। यह कदम मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो उन्हें एक लंबे समय से चली आ रही समस्या से मुक्ति दिलाता है।