India News (इंडिया न्यूज), Asaduddin Owaisi On Ajmer Dargah: संभल में मस्जिद विवाद थमा नहीं कि एक और विवाद खड़ा हो गया है। अब दावा किया जा रहा है कि अजमेर शरीफ दरगाह असल में शिव मंदिर है, जिसे तोड़ा गया था। हिंदू सेना की तरफ से विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की है, जिसे निचली अदालत ने मंजूर भी कर लिया है। इस बीच पूरे मामले पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी रिएक्शन दे दिया है और उन्होंने मस्जिदों को लेकर चल रहे अभियान को मुस्लिमों के खिलाफ साजिश का नाम दिया है।
क्या है Ajmer Dargah का इतिहास?
ओवैसी ने इंडिया न्यूज से बात करते हुए कहा कि ‘कोर्ट पर लोगों के दिलों से भरोसा खत्म करने के लिए और देश को कमजोर करने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही हैं। 800 साल से दरगाह शरीफ है…मुगलों ने और बादशाह अकबर ने वहां पर किला बनाया, सराय बनाया, जब मुगलों का दौर खत्म हुआ तब मराठाओं ने वहां पर हुकूमत की…जब मराठाओं का दौर खत्म हुआ तब उन्होंने 18000 रुपए में अजमेर अंग्रेजों को बेच दिया था। उस जमाने में जयपुर के रॉयल परिवारों ने करीब 40 हजार तोले की चांदी वहां पर पेश की थी’।
कचरे के डब्बे में डाल दें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट?
ओवैसी ने कहा कि ‘इस देश का हर प्रधानमंत्री दरगाह की खिदमत करता आया है। इसके अलावा साउथ एशियाई देशों का स्पेशल डेलीगेशन वहां जाता है। दुनिया के कोने-कोने से लोग वहां आते हैं। अब आप कह रहे हैं कि वहां पर दरगाह नहीं कुछ और था तो प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का क्या करें, कचरे के डब्बे में डाल दें’?
PM Modi भी चढ़ाते हैं चादर
ओवैसी आगे कहा कि ‘जांच में मिनिस्ट्री ऑफ माइनॉरिटी अफेयर्स को पार्टी बनाया गया है, ASI को पार्टी बनाया गया है…पीएम नरेंद्र मोदी जिस दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं तो अब उनकी सरकार बोलेगी की वहां पर दरगाह है ही नहीं’? उन्होंने इसके पीछे का मकसद मुसलमानों को दबाया जाना, उनकी मस्जिद दरगाहों को उनसे छीन लिया जाना। उनको डरा-धमका कर दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश बताया है।