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NEET UG Cut Off 2023 : नीट रिजल्ट जारी होने के बाद अब मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग शुरू होने का इंतजार है। नीट में बैठने वाले करीब 20 लाख विद्यार्थियों में से 11,45,976 स्टूडेंट्स ने एग्जाम पास किया है। लेकिन देश में एमबीबीएस की करीब 1.07 लाख सीटें ही उपलब्ध हैं। ऐसे में नीट क्वालिफाई करने वाले 11.45 लाख विद्यार्थियों में अच्छी रैंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को ही एमबीबीएस की सीट मिल पाएगी। कुल एमबीबीएस की 1.07 लाख सीटों में से लगभग 54000 के आसपास सीटें ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हैं। हर विद्यार्थी सरकारी मेडिकल कॉलेज से कम फीस में एमबीबीएस करना चाहता है। अब विद्यार्थी इस गुणा भाग में लग गए हैं कि उनकी रैंक के हिसाब से उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलेगा या नहीं।
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मैंने इस वर्ष नीट परीक्षा दी, जिसमें मेरा स्कोर 601 है। क्या मुझे एम्स या कोई अच्छे सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला मिल सकता है? रजनी कुमारी –
नीट उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को जानकारी हो कि इस वर्ष देश में सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों में इजाफा हो गया है और इस वर्ष कुल लगभग 1.10 लाख सीटों में 52,778 सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होगा, वहीं निजी कॉलेज 48,265 सीटों पर दाखिला लेंगे। यदि 2022 से इस वर्ष की तुलना करें, तो इस बार लगभग 8,000 से अधिक नई सीटें दाखिले के लिए उपलब्ध होंगी। इस कारण 2022 के मुकाबले इस वर्ष कट-ऑफ कुछ कम जाने की उम्मीद है।
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जैसा कि आप जानते हैं कि जिस राज्य में जो मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं, उनमें 85 सीटों पर उस राज्य के छात्रों को ही ‘डोमिसाइल’ होने के कारण दाखिला मिलता है। इस कारण, हर स्टेट का कट-ऑफ अलग अलग होता है और अधिक कट-ऑफ वाले राज्यों के छात्रों को कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। अभी तक देखे गए ट्रेंड के अनुसार केरल, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश इत्यादि का कट-ऑफ अधिक होता है, वहीं हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों में कम कट-ऑफ पर भी सरकारी कॉलेजों में दाखिला मिल सकता है। अगर एम्स की बात करें, तो 705 से अधिक स्कोर के लिए दाखिला सुरक्षित हो सकता है। वहीं जनरल कैटेगरी में 610 से अधिक स्कोर पर, एससी में 500 से अधिक व एसटी में 450 से अधिक स्कोर पर कहीं न कहीं सरकारी कॉलेजों में दाखिला मिल जाने की उम्मीद है।
बायो से 10+2 किया और उसके बाद बैचलर इन फार्मेसी किया है। मैं टीचिंग के क्षेत्र में जाना चाहता हूं। कृपया मार्गदर्शन करें? – मो. जुनैद हसन
आपको मालूम हो कि किसी भी शिक्षण संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में टीचिंग प्रारंभ करने के लिए आपके अंदर दो प्रारंभिक शैक्षणिक योग्यताएं होनी चाहिए, पोस्ट ग्रेजुएशन और यूजीसी नेट या पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी। नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट का संचालन वर्ष में दो बार यूजीसी के द्वारा किया जाता है, जिसे उत्तीर्ण करने के बाद ही आप किसी भी शैक्षणिक संस्थान में टीचिंग कर सकते हैं। आपने बीफार्मा किया है, अत अब इसके बाद आपको एमफार्मा और फिर उसके बाद यूजीसी नेट या पीएचडी उत्तीर्ण करना है। हाल के वर्षों में शैक्षणिक संस्थानों की संख्या देश में तेजी से बढ़ी है और निजी विश्वविद्यालय भी स्थापित हुए हैं, जिनमें बीफार्मा की पढाई होती है। एमफार्मा और नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या कम है। अत आप बगैर समय गंवाए उक्त शैक्षणिक योग्यता हासिल कर लें। आपके पास अवसरों की कमी नहीं रहेगी।
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