Heart attack, brain stroke in winter: सर्द हवाओं के बीच उत्तर भारत समेत राजधानी दिल्ली का तापमान लगातार गिर रहा है. ठंड के इस मौसम में सेहत को लेकर हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. डॉक्टरों के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा के अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 50% तक बढ़ जाती है.
एम्स के मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम के अनुसार, सर्दियों में शरीर से पसीना कम निकलता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और इसका सीधा असर दिल को खून पहुंचाने वाली नसों पर पड़ता है. इसके अलावा, शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ जाता है.
कोलेस्ट्रॉल का असर
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर तरुण कुमार का कहना है कि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इस दौरान दिल की नसों में कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे नसें सिकुड़ सकती हैं. यह स्थिति दिल के मरीजों के लिए जानलेवा हो सकती है.
ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा
एम्स के प्रोफेसर नवल विक्रम बताते हैं कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 30% तक बढ़ जाता है. शरीर से पसीना न निकलने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो ब्रेन स्ट्रोक का प्रमुख कारण बनता है. ब्लड सर्कुलेशन सही न होने और ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन की कोशिकाएं मरने लगती हैं. यह स्थिति कई बार इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज को समय पर इसका पता भी नहीं चलता.
इन बातों का रखें ध्यान
* नमक का सेवन कम करें और मक्खन-घी का सीमित प्रयोग करें.
* गुनगुना पानी पीना और शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है.
* घर के अंदर ही नियमित व्यायाम करें ताकि शरीर से पसीना निकले और ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहे.
* दिल और ब्रेन से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज न करें. ठंड में गर्म कपड़े पहनें और अचानक तापमान में बदलाव से बचें.