मरने के बाद भी खाते में आ रही थी पेंशन, घर वाले उड़ा रहे थे मौज, सरकार का बड़ा ऐक्शन!

Pension Scheme Fraud: मरने के बाद भी खाते में आ रही थी पेंशन, घर वाले उड़ा रहे थे मौज, सरकार का बड़ा ऐक्शन!

पंजाब सरकार ने पेंशन वितरण में सुधार और मृत पेंशनरों के खातों में पेंशन जाने की समस्या को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने एम सेवा ऐप (M Seva App) लॉन्च किया है, जो पेंशनरों की पहचान और पेंशन की जांच को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा। इस ऐप के माध्यम से पेंशनरों की स्थिति का सत्यापन उनके घर पर जाकर किया जाएगा, जिससे मृत पेंशनरों की पेंशन समय पर रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

एम सेवा ऐप का उपयोग

एम सेवा ऐप एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो पेंशनरों की पहचान को लाइव फोटो के माध्यम से अपडेट करता है। इस प्रक्रिया में आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें इस ऐप की कार्यप्रणाली की ट्रेनिंग दी गई है और यह ऐप उनके मोबाइल में इंस्टॉल किया गया है। वे गांव-गांव जाकर पेंशनरों की पहचान सुनिश्चित करेंगे और लाइव फोटो समेत अन्य जानकारी ऐप पर अपलोड करेंगे।

राज्यव्यापी सर्वे की शुरुआत

जनवरी 2025 में इस प्रक्रिया का राज्यव्यापी सर्वे शुरू हुआ। पहले चरण में यह सर्वे 12,581 गांवों में लागू किया गया, जहां आंगनवाड़ी वर्करों ने ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य किया। इसके बाद, शहरी इलाकों में पेंशनरों की स्थिति जांचने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जाएगा। यह पेंशन वेरिफिकेशन ड्राइव पेंशन वितरण को पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाने का लक्ष्य रखता है।

समस्या की गंभीरता और आँकड़े

पिछले कुछ वर्षों में, 2022 से 2024 के बीच, मृत पेंशनरों के खातों में लगभग 138.78 करोड़ रुपये की पेंशन ट्रांसफर की गई। इस अवधि में 1,39,836 पेंशनरों की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनकी जानकारी सरकार तक नहीं पहुंच पाई। इस कारण, सरकार को इस राशि की वसूली में लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।

नई व्यवस्था क्यों आवश्यक है?

मृत पेंशनरों को पेंशन जारी रहने से सरकारी खजाने पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ता था। इसके साथ ही, यह प्रक्रिया पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती थी। पारदर्शी पेंशन प्रणाली (Transparent Pension System) के लिए एम सेवा ऐप एक क्रांतिकारी पहल है, जो इस मुद्दे को हल करेगा और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोकेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी वर्करों की भूमिका

आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर इस सर्वे में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें पेंशनरों की जानकारी एकत्रित करने और एम सेवा ऐप पर अपडेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार ने इन्हें आवश्यक ट्रेनिंग देकर इस प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाया है।

शहरी इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों की भागीदारी

शहरी क्षेत्रों में पेंशनरों की पहचान की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को तैनात किया जाएगा। उनका कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल योग्य और जीवित पेंशनरों को ही पेंशन मिले।

डिजिटल पेंशन प्रणाली का भविष्य

पंजाब सरकार ने पेंशन वितरण की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का लक्ष्य रखा है। डिजिटल पेंशन प्रणाली (Digital Pension Process) के माध्यम से पेंशनरों का डेटा आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकी जा सकेगी। यह कदम पेंशन वितरण में पारदर्शिता और सटीकता लाने में मदद करेगा।

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