पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया है। थोड़ी देर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। तीनों सेनाओं ने मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को सलामी दी।
अंतिम संस्कार के दौरान भी मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी पगड़ी पहनाई गई। मनमोहन ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था।
सेना की तोप गाड़ी से पार्थिव देह को निगमबोध घाट लाया गया था। राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे थे। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के बड़े नेता घाट पर मौजूद हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मनमोहन को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
मनमोहन की पार्थिव देह को सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया था। यहां डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और बेटी दमन सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी, सोनिया और प्रियंका के अलावा अन्य कांग्रेस नेताओं ने मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन किए।
मनमोहन के स्मारक पर छिड़ा विवाद
निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। केसी वेणुगोपाल ने कहा- सरकार पूर्व पीएम का स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख पीएम का अपमान है।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी-शाह से मांग की थी कि मनमोहन सिंह का जहां अंतिम संस्कार हो, वहीं स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह मंत्रालय ने देर रात बताया कि स्मारक की सही जगह तय करने में कुछ दिन लग सकते हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।