विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्षो के सामने अमिताभ को नाचने को बोलते थे राजीव गांधी, कहते थे ‘सांप’ है यह

बॉलीवुड और राजनीति दो ऐसे विषय है। जिसके बारें में हर कोई हर कुछ जानना चाहता है। यह तो हम सभी को पता है कि बॉलीवुड और राजनीति के दो परिवारों का अगर सबसे ज़्यादा मेल-जोल रहा है। तो वह गांधी परिवार और बच्चन परिवार है। इन दोनों परिवारों के बीच एक समय काफ़ी घनिष्ठता थी। इतना ही नहीं बच्चन और गांधी परिवार के बनते बिगड़ते रिश्तो की कहानी इतिहास के पन्ने हमेशा बयां करते हैं।

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ऐसे में आज हम आपको आधुनिक भारत में सबसे बड़े रहस्य रहे बच्चन परिवार और गांधी परिवार के रिश्तो  का एक पहलू बताएंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि आखिर गांधी नेहरू परिवार और बच्चन परिवार के बीच ऐसा क्या हुआ। जिसकी वज़ह से दोनों के बीच न सिर्फ दूरियां आ गई बल्कि 36 का आंकड़ा भी नजर आने लगा।

Amitabh And Rajiv Gandhi

बता दें कि गांधी-बच्चन परिवार की दोस्ती नेहरू और हरिवंशराय बच्चन के दौर से चली आ रही थी। ऐसे में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन भी कई सालों तक एक दूसरे के दोस्त रहे। इतना ही नहीं इन दोनों परिवारों के बीच भी काफ़ी अच्छा संबंध रहा था। यही वजह रही कि राजीव गांधी अमिताभ बच्चन को राजनीति में लेकर आए।

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अमिताभ बच्चन कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद भी रहें, लेकिन फ़िर एक समय ऐसा आया। जब दोनों परिवारों  के बीच कड़वाहट बढ़ गई। मालूम हो कि पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने “बीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं” के नाम से एक किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने कई खुलासे किए हैं। अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार को लेकर भी इस किताब में बड़े-बड़े दावे किए गए हैं। किताब के मुताबिक राजीव गांधी एक समय बच्चन साहब से इतने नाराज हुए कि उन्हें ‘सांप’ तक कह डाला था।

जब राजीव ने अमिताभ को कहा ‘सांप’…

Amitabh And Rajiv Gandhi

बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि इन दोनों के रिश्तो में कड़वाहट उस दौरान शुरू हुई। जब विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने और राजीव गांधी उस समय विपक्ष के नेता थे। सन्तोष भारतीय अपनी पुस्तक में लिखते है कि, “जब अमिताभ बच्चन राजीव गांधी से मिलने आए तो उस वक्त पत्रकार राजीव शुक्ला भी मौजूद थे। जब अमिताभ बच्चन चले गए तो राजीव गांधी ने कहा, “He Is A Snake.” जिसका हिंदी रूपांतरण क्या होता है। इसका सहज अंदाज़ा एक सामान्य अंग्रेजी जानने वाला भी लगा सकता है।

राहुल की फ़ीस…

इस किताब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जब राजीव गांधी की मौत हुई। उसके बाद सोनिया गांधी लंदन में पढ़ रहे राहुल गांधी को लेकर चिंतित थी। इस चिंता से सोनिया ने अमिताभ बच्चन को भी रूबरू करवाया। लेकिन अमिताभ बच्चन राहुल गांधी की पढ़ाई की फीस भरने में आनाकानी करने लगे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के करीबी रहे सतीश शर्मा और ललित सूरी पैसों की गड़बड़ी कर रहे हैं।

इसके अलावा संतोष भारतीय ने अपनी क़िताब में कई अन्य घटनाओं का ज़िक्र किया है। एक अन्य घटना के बारे में ज़िक्र करते हुए संतोष भारतीय अपनी क़िताब में लिखते हैं कि 1987 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह को वित्त मंत्री से हटाकर रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी को सौंप दी। ऐसा मानते हैं कि इस महत्वपूर्ण घटना के पीछे अमिताभ बच्चन ही थे। लेकिन राजीव गांधी ने इसके लिए पाकिस्तान से जंग का बहाना बनाया। हालांकि उस वक्त पाकिस्तान से जंग के हालात भी नहीं थे।

Amitabh And Rajiv Gandhi

विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्ष के आने पर राजीव गांधी हमेशा अमिताभ बच्‍चन को बुलाते थे…

पुस्तक में बताया गया है कि अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी एक दूसरे के बेहद करीबी थे और जब भी कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या महत्वपूर्ण मेहमान भारत आता था तो वह बच्चन को अवश्य बुलाते थे। भारतीय के मुताबिक़ राजीव विदेशी मेहमानों के सामने अमिताभ का परिचय सांसद के नाते कम और अभिनेता के नाते ज़्यादा कराते थे।

Amitabh And Rajiv Gandhi

लेखक ने दावा किया है कि जब भी रूसी राष्ट्रपति जैसे कोई महत्वपूर्ण अतिथि आते थे तो राजीव अमिताभ बच्चन से कहते कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है गाने पर नाच करके दिखाओ। भारतीय ने किताब में कहा है कि बच्चन को जैसा भी लगता रहा हो, पर उन्हें यह करना पड़ता था। ऐसे में धीरे-धीरे ये कुछ मुद्दे रहें। जिसकी वज़ह से अमिताभ और राजीव गांधी के रास्ते अलग हो गए।

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