My job alarm – (KYC Update) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने बैंकों पर कडी फटकार लगाई हैं। दरअसल, बैंकों द्वारा केवाईसी (Know Your Customer) के नियमों का सटीक पालन नहीं किया जा रहा हैं। इसी के चलते आरबीआई ने कहा हैं कि अगर बैंक इन दिशानिर्देशों का सही से पालन नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कड़ी नियामकीय कार्रवाई की जाएगी। इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Swaminathan Janakiraman) ने सभी बैंकों को केवाईसी को लेकर गाइडलाइसं भी जारी कर दी हैं और सभी बैंकों को इनका पालन करना ही होगा-
इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरमन ने बैंकों से केवाईसी नियमों का ‘सटीकता और सहानुभूति’ के साथ पालन करने की हिदायत दी है। बता दें कि केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया हैं कि ऐसा नहीं करने पर बैंकों के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई की जाएगी। बीते दिनों प्राइवेट बैंकों के (rbi deputy governer Swaminathan Janakiraman) डायरेक्टर द्वारा सम्मेलन किया गया जिसमें डिप्टी गवर्नर ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की उन्होनें अपने बयान में आगे कहा कि उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि कई मामलों में, आंतरिक लोकपाल स्ट्रक्चर सहित कस्टमर कम्प्लेन मैकेनिज्म को एक मजबूत, प्रभावी संसाधन के मुकाबले औपचारिकता के रूप में अधिक माना जाता है।
डायरेक्टरों को ग्राहक-केंद्रित बैंक बनाने की दिशा में काम करने की सलाह –
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि बैंक निदेशक मंडल को ग्राहक-केंद्रित बैंक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, जहां हर व्यक्ति, चाहे उसकी (RBI New Update) उम्र, आय या पृष्ठभूमि कुछ भी हो, मूल्यवान और सम्मानित महसूस करे। ग्राहक-केंद्रित शासन हर नीति, प्रक्रिया और सेवा टचपॉइंट में स्पष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अपने ग्राहकों के साथ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से व्यवहार करने की बात आती है, तो ये और भी ज्यादा स्पष्ट होना चाहिए।
कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा भारतीय रिजर्व बैंक –
स्वामीनाथन ने कहा, ”जैसा कि मैंने पहले कहा है, ये एक ऐसा सेक्टर है जहां हम सिस्टम में ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अगर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप जरूरी माना जाता है तो हम कार्रवाई (KYC Normes of Banks) करने में संकोच नहीं करेंगे।” इसी के चलते इस बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि केवाईसी दिशानिर्देशों का सटीकता और सहानुभूति, दोनों के साथ पालन किया जाए। डिप्टी गवर्नर ने बैंकों के बोर्ड सदस्यों, खासतौर पर ग्राहक सेवा समिति के अध्यक्ष से ये सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
वित्तीय निगरानी और जोखिम प्रबंधन शीर्ष प्राथमिकताएं बनी रहेंगी –
इस सम्मेलन में बनाए गए सारे नियम ग्राहकों के फायदे के लिए हैं जिसके चलते बैंकों के साथ सटीकता बरती जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा (Bank KYC) कि वित्तीय निगरानी और जोखिम प्रबंधन जैसी पारंपरिक शासन (personal finance Update) जिम्मेदारियां शीर्ष प्राथमिकताएं बनी रहेंगी, लेकिन आगे बढ़ते हुए निदेशक मंडल को प्रौद्योगिकी को अपनाने, डिजिटल परिवर्तनों को आगे बढ़ाने, ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने और नैतिक नेतृत्व सुनिश्चित करने की जरूरत है। सुत्रों के मुताबिक आरबीआई ने कहा कि, ‘‘रिजर्व बैंक उन संस्थाओं के खिलाफ नियामकीय (bank kyc update) या पर्यवेक्षी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा जो समय पर और विचारशील तरीके से इन चिंताओं को दूर करने में विफल रहती हैं।’’