इन 2 भारतीय नारियों को सत-सत नमन, 104 खोए हुए बच्चों को ढूंढा, 9 महीने बाद परिवार से मिलवाया

इन 2 भारतीय नारियों को सत-सत नमन, 104 खोए हुए बच्चों को ढूंढा, 9 महीने बाद परिवार से मिलवाया

Lady Cops: हर बच्चे के माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा सुरक्षित और खुशहाल जिंदगी जिए। लेकिन जब उनके बच्चे कही गायब हो जाते हैं तो यह उनके लिए एक बड़ी आपदा बन जाती है। ऐसे ही गायब हुए बच्चों की तलाश में दो दिल्ली की दो हेड कांस्टेबलों (Lady Cops) , ने  पिछले 9 महीनों में एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। आपको बता दें, इन दोनों पुलिस कर्मियों ने हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में जाकर 104 गायब बच्चों को खोज निकाला है।

9 महीने में तलाशे 104 बच्चे

इन 2 भारतीय नारियों को सत-सत नमन, 104 खोए हुए बच्चों को ढूंढा, 9 महीने बाद परिवार से मिलवाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेडी कांस्टेबल (Lady Cops) सीमा देवी और सुमन हुड्डा, जोकि उत्तर दिल्ली के एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में तैनात हैं। उन्होंने मार्च से नवंबर के बीच ऑपरेशन मिलाप के तहत 104 बच्चों को सफलतापूर्वक तलाशा है। हालांकि, इस दौरान उन्हें कई कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे बच्चों के पास हाल की तस्वीरों का न होना, स्थानीय भाषा की बाधाएं, अनजान इलाके पर लोगों का सहयोग न करना।

कठिनाई का करना पड़ा सामना 

इन 2 भारतीय नारियों को सत-सत नमन, 104 खोए हुए बच्चों को ढूंढा, 9 महीने बाद परिवार से मिलवाया

इस अभियान के दौरान, दोनों लेडी कांस्टेबल (Lady Cops) सीमा देवी और सुमन हुड्डा को बच्चों की पहचान में कई बार कठिनाई का सामना करना पड़ा। क्योंकि परिवारों के पास बच्चों के ताजे फोटो नहीं थे। कई बार, उन्हें बच्चों की पहचान माता-पिता से मिलाकर करनी पड़ी। वहीं,सुमन हुड्डा ने बताया कि, “हमारे पास तय ड्यूटी के  घंटे नहीं होते हैं, जब हमें किसी बच्चे के गायब होने की सूचना मिलती है, तो हम तुरंत घर से निकल पड़ते हैं।

साइबर टीम की ली मदद

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सीमा देवी (Lady Cops) ने बताया कि कई मामलों में बच्चों के द्वारा उपयोग किए गए फोन नंबर बंद हो गए थे, तब उन्होंने साइबर टीम की मदद से फोन की लॉस्ट लोकेशन का पता लगाया। एक मामले का जिक्र करते हुए सीमा देवी ने बताया कि “बावाना से एक 13 साल की लड़की गायब हो गई थी। उसने कई फोन नंबरों से अपने छोटे भाई को कॉल किया और कहा कि वह ठीक है, लेकिन वह संदिग्ध था,क्योंकि वह अलग-अलग नंबरों का इस्तेमाल कर रही थी, हमने मामले की जांच की और उसे नोएडा के जारचा में ट्रैक किया। वहां, हमने उसे घर के काम करते हुए पाया। हमने उसे तुरंत बचाया।

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