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माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाला माना गया है. शीतला अष्टमी का पर्व कई मायनों में महत्वपूर्ण भी है. मान्यता है कि शीतला माता चर्म रोगों से भक्तों की रक्षा करती हैं. यही वजह है कि शीतला अष्टमी का पर्व ऋतु परिवर्तन का संकेत भी देता है. इस वर्ष शीतला अष्टमी पर्व की तिथि को लेकर संशय की स्थिति है. कुछ लोग 14 को तो कुछ 15 मार्च को यह पर्व मना रहे हैं.
शास्त्रों के अनुसार उदय तिथि के हिसाब से 15 मार्च को शाम 6 बजकर 45 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी. इसी दिन पूजा का विधान श्रेष्ठ माना गया है. पर्व के दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है. लोग खुद भी बासी और ठंडा भोजन करते हैं. बताया कि शीतला सप्तमी को महिलाएं व्रत रहती हैं और पकवान बनाती हैं. यही पकवान अष्टमी के दिन शीतला माता को चढ़ाया जाता है. परिवार के सभी सदस्य इसी पकवान का सेवन करते हैं.
ये है मान्यता
माता शीतला को शीतलता प्रदान करने वाली देवी कहा जाता है. इस कारण शीतला अष्टमी के दिन घरों मे चूल्हे नहीं जलाते. लोग बासी भोजन करते हैं. मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है. घर में सुख शांति बनी रहती है. मां शीतला के स्वरूप को कल्याणकारी माना जाता है. माता गर्दभ पर विराजमान होती हैं, जिनके हाथों में झाड़ू, कलश, सूप और नीम की पत्तियां होती हैं. मान्यता है कि इनके पूजन व व्रत से व्यक्ति वर्ष भर चर्म रोग और चेचक जैसी बीमारियों से मुक्त रहता है. शीतला अष्टमी का पर्व ऋतु परिवर्तन का संकेत देता है.
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इसलिए किया जाता है बासी भोजन
शीतला अष्टमी पर बासी भोजन चढ़ाने का उद्देश्य यही है कि आज के दिन से भोजन अब रात्रि में खराब होने लगता है. मान्यता है कि अष्टमी के बाद से बासी भोजन नहीं खाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा पालन करने से रोग-दोष से छुटकारा मिलने के साथ लंबी आयु का वरदान मिलता है. चावल और गन्ने के रस का भोग या मीठे चावल पकाकर भी भोग लगाया जाता है. शीतला अष्टमी से एक दिन पहले शीतला सप्तमी मनाई जाती है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अष्टमी पर भोग लगाने के लिए पकवान बनाती हैं.
सप्तमी का मुहूर्त
इस बार शीतला सप्तमी 13 मार्च 2023 सोमवार की रात 9 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है. इसका समापन 14 मार्च 2023 की रात 8 बजकर 22 मिनट पर है. उदया तिथि के अनुसार शीतला सप्तमी 14 मार्च को है.
अष्टमी का मुहूर्त
निर्णय सागर पंचांग के अनुसार चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 14 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 22 मिनट से शुरू हो रही है, इसका समापन 15 मार्च 2023 बुधवार को शाम 06 बजकर 45 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार शीतला अष्टमी 15 मार्च को है.
ऐसे करें अष्टमी की पूजा
शीतला अष्टमी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें. पूजा के दौरान हाथ में फूल, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें. माता को रोली, फूल, वस्त्र, धूप, दीप, दक्षिणा और बासी भोग अर्पित करें. शीतला माता को दही, रबड़ी, चावल आदि चीजों का भी भोग लगाया जाता है. पूजा के समय शीतला स्त्रोत का पाठ करें और पूजा के बाद आरती जरूर करें. पूजा करने के बाद माता का भोग खाकर सप्तमी पर रखा व्रत खोलें.
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