पटना/बेगूसराय। बिहार में एक बार फिर सियासी पारा हाई है। नीतीश कुमार को लेकर अटकलें तेज हैं। पिछले साल भी दिसंबर के महीने में ही खेल शुरू हुआ था और जनवरी आते तक नीतीश कुमार पलटी मारकर एनडीए के संगी बन गए थे। वहीं, अब उनकी खामोशी को लेकर सियासी अटकलें तेज हैं। सियासी गलियारों में सवाल घूम रहा है कि क्या नीतीश कुमार एनडीए से किसी बात को लेकर नाराज हैं? इसी सवाल को ढाल बनाकर राजद ने भी अपनी चाल चल दी है। लालू यादव के करीबी नेता और राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार को खुला ऑफर दे दिया है।
‘हो सकता है फिर खेला हो जाए’
गुरुवार को बेगूसराय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाई वीरेंद्र ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है। राजनीति तो परिस्थितियों खेल है। हो सकता है बिहार में फिर खेला हो जाए। भाई वीरेंद्र ने आगे कहा कि अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक शक्तियों को छोड़कर आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे। राजद विधायक ने यह भी कहा दिया कि राजनीति में कोई भी परमानेंट दोस्त और दुश्मन नहीं होता।
सियासी पारा हाई
बता दें कि आरजेडी विधायक के इस बयान से बिहार में सियासी पारा हाई हो गया है। हालांकि, नीतीश कुमार कई बार सार्वजनिक मंचों से यह बात कह चुके हैं कि वह अब भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर नहीं भी नहीं जाएंगे।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव भी अपनी पूरी नजर सियासी घटनाक्रम पर बनाए हुए हैं। तेजस्वी यादव ने बीते दिनों कहा था कि बिहार की सरकार दिल्ली से चल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सरकार को चला रहे हैं। सीएमओ पर बीजेपी का कब्जा हो चुका है। जदयू के 4 नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। दो दिल्ली में और दो पटना में।
पिछले साल हुआ था ‘खेल’
साल 2023, दिसंबर का महीना और बिहार की सियासत। हर किसी को याद है कि जब नीतीश कुमार की खामोशी ने बड़ा खेल कर दिया था। देखते ही देखते राजद से दूरियां इतनी बढ़ गई कि उन्होंने एनडीए के साथ जाने का फैसला कर लिया। तब तेजस्वी ने कहा था कि हमारे चाचा को बीजेपी ने हाईजैक कर लिया है। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस बारे में बात तक नहीं की थी।