सुक्खू दिल्ली में उठाएंगे हिमाचल की वित्तीय स्थिति का मुद्दा, अब 100 करोड़ ऋण लेने का ही विकल्प बाकी; दो बैठकों पर टिकी निगाहें!


हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को सोलन जिले के ममलीग का दौरा करने के बाद दिल्ली की ओर प्रस्थान किया। बुधवार को दिल्ली में उनका कार्यक्रम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और 16वें वित्तायोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात का है।

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प्रदेश की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए ये बैठकें अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। इन महत्वपूर्ण बैठकों के बाद, मुख्यमंत्री दो दिन के लिए बिहार विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए जाएंगे।

100 करोड़ का ऋण लेने का ही विकल्प बचा
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को दिसंबर 2025 तक 7,000 करोड़ रुपये तक का ऋण लेने की अनुमति दी है, जिसमें से 6,900 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार पहले ही ले चुकी है। इस स्थिति में राज्य सरकार के पास केवल 100 करोड़ रुपये का ऋण लेने का विकल्प बचा है।

उधारी में छूट या अन्य सहायता
मुख्यमंत्री की कोशिश है कि प्रदेश को दो प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की छूट मिले या केंद्र किसी अन्य मद से वित्तीय सहायता प्रदान करे। वर्तमान में सरकार पर हर माह लगभग 2,800 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध देनदारियां हैं, जिसमें वेतन पर 2,000 करोड़, पेंशन पर 800 करोड़, ब्याज अदायगी पर 500 करोड़ और कर्ज के मूलधन की वापसी पर 100 करोड़ रुपये का बोझ शामिल है।

मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ उनकी मुलाकात से प्रदेश को राहत के रास्ते खुल सकते हैं।

पनगढ़िया से पांचवीं बैठक
डा. अरविंद पनगढिय़ा से यह मुख्यमंत्री की लगातार पांचवीं बैठक होगी, जिसमें वे पहली अप्रैल 2026 से लागू होने वाली 16वें वित्तायोग की सिफारिशों पर चर्चा करेंगे।

31 को होगी वापसी
मुख्यमंत्री की प्रदेश वापसी 31 अक्टूबर को प्रस्तावित है, जब वह सिरमौर जिला के श्री रेणुका जी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मेले के उद्घाटन में मुख्य अतिथि होंगे। इसके बाद 2 नवंबर को वह किन्नौर में जनजातीय उत्सव के समापन समारोह में भाग लेंगे।

 

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