Breast Milk: दुनिया भर में फ्रोजन ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) और उससे बने उत्पादों की मांग बढ़ गई है। भारत में भी इसकी मांग काफी बढ़ गई है। भारत, कंबोडिया, अमेरिका और इंग्लैंड समेत पूरी दुनिया में ब्रेस्ट मिल्क का खूब सेवन किया जा रहा है। इसके अलावा फ्रोजन ब्रेस्ट मिल्क उत्पाद भी बाजार में आते हैं। ये उत्पाद पोषण को नष्ट किए बिना बनाए जाते हैं और इन्हें और अधिक पोषक बनाने के लिए इनमें अन्य चीजें भी मिलाई जाती हैं।
फ्रोजन मदर मिल्क की मांग क्यों?
कई मामलों में ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) को स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अस्पतालों में भेजा जाता है। इंग्लैंड की एक कंपनी ब्रेस्ट फीडिंग में समस्या वाली महिलाओं को ऑनलाइन ब्रेस्ट मिल्क उपलब्ध करा रही है। इसके चलते दुनियाभर में ब्रेस्ट मिल्क की मांग बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि बीमार लोग, बॉडीबिल्डर और हेल्दी डाइट लेने वाले लोग भी ब्रेस्ट मिल्क का सेवन कर रहे हैं।
कैसे प्राप्त किया जाता हैं Breast Milk?
स्तन दूध (Breast Milk) प्राप्त करने के लिए निप्पल पर एक शील्ड लगाई जाती है और फिर मैन्युअली या इलेक्ट्रिक पंप की मदद से दूध निकाला जाता है। ब्रेस्ट पंप कई तरह के होते हैं। जैसे: मैनुअल ब्रेस्ट पंप, बैटरी से चलने वाला ब्रेस्ट पंप, इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप, बल्ब स्टाइल ब्रेस्ट पंप और यूज्ड बेस्ड पंप। कंटेनर से ब्रेस्ट मिल्क निकालने से पहले हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए। इसके बाद इसे साफ, ढक्कन लगे फूड-ग्रेड ग्लास कंटेनर या हार्ड प्लास्टिक कंटेनर में स्टोर करना चाहिए जो केमिकल बिस्फेनॉल ए (बीपीए) से बना न हो।
भारत में यह है कानूनी प्रक्रिया
भारत में ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) डोनेशन के लिए एक कानूनी प्रक्रिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत डोनर महिलाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरना पड़ता है कि उनका दूध बच्चे के लिए सुरक्षित है। ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करने से पहले डोनर महिला को स्वास्थ्य परीक्षण से गुजरना पड़ता है, जिसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस और अन्य संक्रामक बीमारियों की जांच की जाती है।
क्या है Breast Milk देने के मापदंड?
यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि दूध में कोई हानिकारक बैक्टीरिया या वायरस तो नहीं है। स्तन दूध दान के लिए दाता की आयु 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह आयु इसलिए तय की गई है क्योंकि इस आयु में महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) अधिक मात्रा में होता है। स्तन दूध दान करने वाली महिला पूरी तरह स्वस्थ होनी चाहिए। अगर महिला किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है या गर्भवती है, तो उसे दूध दान करने के योग्य नहीं माना जाता है। अगर स्तन दूध (Breast Milk) दान के दौरान किसी महिला को मासिक धर्म या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, तो उसे दूध दान करने से रोका जाता है।