5 हत्याओं से दहला पूरा शहरः 24 साल के बेटे ने की मां और चार बहनों को मार डाला

The whole city was shaken by 5 murders: 24-year-old son killed his mother and four sisters

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपने ही परिवार के 5 लोगों की हत्या करने वाले कातिल का कबूलनामा सामने आया है. उसने हत्या की असल वजह पुलिस को आखिरकार बता ही दी. अरशद ने कहा- हमें मोहल्ले वाले परेशान कर रहे थे. मुझे डर था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरे परिवार का क्या होगा. मैंने ये बात अपने पापा को बताई. फिर हमने पूरी प्लानिंग करके मां और चारों बहनों को मार डाला.

अरशद ने कहा- मेरे पापा ने मेरा इस हत्याकांड में साथ दिया. इसके बाद मैं उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ दिया. फिर खुद मैंने ही होटल वालों को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने जब अरशद से पूछा कि तुमने सभी को कैसे मारा? इस पर अरशद बोला- हम आगरा से पहले अजमेर गए थे. फिर 30 दिसंबर को लखनऊ आए. यहां शरनजीत होटल में कमरा नंबर-109 लिया. मैंने रात को डिनर में सभी को धोखे से शराब पिलाई. जब सभी को नशा हो गया तो उनके मुंह में कपड़ा ठूंसा. फिर कुछ का दुपट्टे से गला दबाकर मार डाला तो कुछ की कलाई काट दी.

कातिल ने इससे पहले पुलिस को बताया था- पापा सुसाइड करने के लिए गए हैं. जिसके बाद पुलिस अब अरशद के पिता की तलाश में जुट गई है. अभी तक उनका कुछ भी पता नहीं चल सका है.

अरशद के पड़ोसियों का खुलासा

उधर, दूसरी तरफ अरशद के पड़ोसियों ने भी इस परिवार को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए. अरशद आगरा का रहने वाला है. पड़ोसियों की मानें तो 12 दिन पहले अरशद का परिवार आगरा से कहीं निकला था. आस पास के लोगों के साथ भी इस परिवार की कुछ खास बातचीत नहीं थी. अरशद बहुत की अजीब तरह का इंसान था. वह किसी से भी बात नहीं करता था. हालांकि, उसका परिवार भी अपने आप से ही मतलब रखता था. लेकिन अरशद तो लोगों से लड़ाई झगड़े भी करता था.

दुकानदार पर फेंके थे पत्थर

कुछ दिन पहले ही अरशद का एक दुकानदार से भी झगड़ा हो गया था. उस वक्त अरशद ने अपने घर की छत से दुकानदार पर पत्थरबाजी भी की थी. तब दुकानदार ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी. मोहल्ले के लोग उससे दूर ही रहते थे. पड़ोसियों के अनुसार अरशद दिल्ली वाले के नाम से मशहूर है. दो-दो महीने के लिए पूरा परिवार कहीं भी गायब हो जाता था.

फेरी लगाने का काम करता था अरशद

अरशद के काम के बारे में किसी को भी स्पष्ट पता नहीं है, लेकिन वो शुरूआत में फेरी लगाने का काम करता था. उसके बाद में उसने वो काम भी छोड़ दिया. मोहल्ले के लोग भी उसके अजीबो गरीब व्यवहार के चलते उससे कम ही बातचीत करते थे. अरशद, सामान खरीदने के लिए कभी घर से निकला तो ठीक, बाकी समय वो किसी को दिखाई भी नहीं देता था.

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