उत्तर प्रदेश में एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है, जो आगरा और अलीगढ़ को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे 65 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा के समय को 90 मिनट तक सीमित करेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 3200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और इसके निर्माण की शुरुआत मार्च 2025 से होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में और विस्तार से।
एक्सप्रेसवे की लंबाई और मार्ग
आगरा-अलीगढ़ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के खंदौली टोल प्लाजा से शुरू होकर हाथरस के असरोई तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ और हाथरस की पांच तहसीलों के 64 गांवों से होकर गुजरेगा। इसकी कुल लंबाई 65 किलोमीटर होगी, जो दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय में बड़ी कमी लाएगी।
एक्सप्रेसवे की कुल लागत
इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण पर अनुमानित 3200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह एक फोरलेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा और राज्य के यातायात नेटवर्क को बेहतर बनाएगा।
भूमि अधिग्रहण और सर्वे
एक्सप्रेसवे के लिए कुल 390 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। अलीगढ़ जिले में 69.1623 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिसमें 321 गाटा चिन्हित किए गए हैं। यह भूमि अधिग्रहण और सर्वेक्षण कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है, और अब निर्माण की तैयारी तेज गति से चल रही है।
एक्सप्रेसवे के प्रमुख फीचर्स
यह एक्सप्रेसवे कई महत्वपूर्ण फीचर्स से सुसज्जित होगा, जिसमें एक रेलवे ब्रिज, तीन फ्लाईओवर और 55 अंडरपास शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे जेवर एयरपोर्ट के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगा और अलीगढ़ के डिफेंस कॉरिडोर को आगरा से जोड़ने का काम करेगा। यह पूरे क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा और व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
एक्सप्रेसवे के फायदे
आगरा से अलीगढ़ तक की दूरी पहले ढाई घंटे में तय होती थी, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रा का समय केवल 90 मिनट रह जाएगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की भी बचत होगी। इस एक्सप्रेसवे से पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच के संबंध और भी मजबूत होंगे।