हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा के इंदौरा में केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मनरेगा को खत्म कर सरकार गरीबों से रोजगार का अधिकार और निवाला छीन रही है। सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया कि नया विधेयक बिना चर्चा के पारित किया गया, जिससे करोड़ों ग्रामीणों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।
सीएम सुक्खू के आरोप
सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में 12 करोड़ से अधिक ग्रामीणों की आजीविका का सहारा रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष की ओर से बार-बार इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की गई।
लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने विपक्ष के कड़े विरोध को नजरअंदाज करते हुए इसे पारित कर दिया। सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया कि इसके साथ ही मनरेगा को खत्म कर दिया गया, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा दिया गया रोजगार का अधिकार देश के करोड़ों लोगों से छिन गया है।
गरीबों के लिए जीवनरेखा थी मनरेगा योजना
उन्होंने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा रही है। इस योजना के जरिए लोगों को अपने घर के पास ही रोजगार मिला, जिससे हजारों परिवारों के घरों में चूल्हे जले। कई जरूरतमंद परिवारों ने मनरेगा से मिली आय से अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई। कोरोना महामारी के कठिन दौर में भी यह योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हुई। मुख्यमंत्री ने मनरेगा को समाप्त करने के फैसले की कड़ी निंदा की।
इंदौरा उत्सव में पहुंचे थे सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में ‘चिट्टा मुक्त हिमाचल’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम और इंदौरा उत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता करने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है, जो अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील की।
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