भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, यहा हर धर्म के लोग रहते हैं हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इशाई। यहा हर धर्म के लोग पूजा पाठ भी करते हैं। भारत मे होली से लेकर ईद और गुरपुरब सभी त्यौहार मनाए जाते हैं। किसी को कोई रोक टोक नही हैं। वैसे तो भारत में हिन्दू धर्म की संख्या ज्यादा है पर धीरे धीरे यहा मुस्लिम वर्ग भी अपनी पकड़ बनाता जा रहा है।
बात अगर धर्म के आधार पर जनसंख्या की करे तो दुनिया में सबसे अधिक संख्या में इशाई धर्म के लोग रहते हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर आते हैं मुस्लिम। जी हां, दुनिया में जनसंख्या के हिसाब से मुसलमानों की संख्या दूसरे नंबर पर है। वही हिन्दू धर्म तीसरे नंबर पर आता है।
मुस्लिम समुदाय की सबसे ज्यादा आबादी एशिया महाद्वीप में हैं। इतना ही नही दुनिया के 197 देशों में 57 देश ऐसे हैं जिन्होंने खुद को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया हुआ है। इसके अलावा बाकी देशों में भी मुस्लिमो ने अपनी मजबूत जगह बनाई हुई हैं। हालांकि, दुनिया में एक ऐसा देश भी हैं, जहा एक भी मुस्लिम आपको नही मिलेगा। आइये जानते हैं इस अनोखे देश के बारे में।
जी हां, हम बात कर रहे हैं वैटिकन सिटी की। इस देश मे मुस्लिम समाज का एक भी इंसान आपको नही मिलेगा। वैटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश हैं, इसे इंटरनेशनल मान्यता भी दी गयी हैं। इस देश की स्थापना 1929 में हुई थी। यह देश इटली की राजधानी रोम के बीच में बसा हुआ है।
यहा इशाई धर्म का शासन हैं क्योंकि यहा ईसाइयों के गुरु पोप का शासन चलता था। वही इस देश मे दुनिया का सबसे बड़ा चर्च भी मौजूद हैं। दुनिया भर के इशाई समुदाय के लोग इस चर्च में दान पुण्य करना बहुत ही पवित्र मानते हैं।
वैटिकन सिटी का इतिहास
वैटिकन सीटी यूरोप का बड़ा हिस्सा हुआ करती थी। 1871 में जब इटली संगठित हुआ तो पॉप की शक्तियां कम होने लगी क्योंकि इससे पहले इटली के ज्यादातर राज्यों में पॉप का शासन था। इसके बाद इटली के राजा और पॉप के बीच मतभेद होने लगा।
उसके बाद दोनो के बीच एक संधि हुई जिसमें यह फैसला लिया गया कि पॉप इटली के किसी भी फैसले में शामिल नही होगा। इसके बदले में वैटिकन सिटी को एक अलग देश का दर्जा दिया जाएगा। तभी से इस देश को अंतरराष्ट्रीय देश का दर्जा प्राप्त है।
इस देश की जनसंख्या 825 हैं जिसमे एक भी मुस्लिम नागरिक नही हैं। इसलिए यह एकमात्र ऐसा देश हैं जहां एक भी मुस्लिम नही है। यहा मुस्लिम टूरिस्ट बनकर आते हैं।