लखनऊ। डीएम सर्किल रेट तय करने में अब किसी तरह की मनमानी नहीं चलेगी। प्रदेशभर में सर्किल रेट के पुनरीक्षण से पहले राज्य सरकार नए सिरे से मानकों का निर्धारण करेगी।
सभी जिलों में सर्किल रेट (कलेक्टर दर सूची) के पुनरीक्षण के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर बैठक बुलाई थी।
सभी जिलों में एक समान मानकों के अनुसार सर्किल रेट
सूत्रों के अनुसार, सर्किल रेट के पुनरीक्षण संबंधी स्टांप एवं पंजीयन विभाग के प्रस्तुतीकरण को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किल रेट के पुनरीक्षण में विसंगतियों को पहले दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे से लगे एक गांव का सर्किल रेट पास के ही दूसरे गांव से क्यों कम ज्यादा रहता है?
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में एक समान मानकों के अनुसार सर्किल रेट का निर्धारण किया जाए। मानक समान होंगे तो सर्किल रेट में किसी तरह की मनमानी से विसंगति नहीं होगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सर्किल रेट के निर्धारण का मानकीकरण करने के लिए विभाग नियमावली में संशोधन करेगा। नियमावली में संशोधन संबंधी प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा।
कई जिलों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं
नए सिरे से तय किए गए मानकों के अनुसार, जिलाधिकारी सर्किल रेट का पुनरीक्षण करते हुए निर्धारण करेंगे। वैसे तो सामान्यतः प्रतिवर्ष सर्किल रेट का पुनरीक्षण होना चाहिए, लेकिन कई जिलों में पिछले तीन-चार वर्षों से सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ है। कुछ जिले तो ऐसे भी हैं, जहां पिछले सात-आठ वर्षों से सर्किल रेट यथावत है।
विदित हो कि संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए स्टांप ड्यूटी के निर्धारण से लेकर मुआवजा तय करने का आधार डीएम सर्किल रेट ही होता है। पुनरीक्षण से सर्किल रेट के बढ़ने पर जहां संपत्ति की खरीद-फरोख्त करने वालों को रजिस्ट्री कराने पर ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी। वहीं, सरकार द्वारा जमीन का अधिग्रहण करने पर संबंधित व्यक्ति को कहीं ज्यादा मुआवजा मिल सकेगा।
सिक्किम के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को दिया महाकुंभ का निमंत्रण
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर एवं मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को महाकुंभ में आने के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले दोनों मंत्रियों ने गंगटोक में रोड शो का नेतृत्व कर आम लोगों को भी महाकुंभ में आने का आमंत्रण दिया।
मंत्रियों ने कहा कि महाकुंभ भारत की विविधता में एकता का उत्सव है। इसे दिव्य, भव्य और डिजिटल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पर्यावरण के अनुकूल महाकुंभ के आयोजन को लेकर सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। तीन लाख पौधों का रोपण किया गया है। मेला क्षेत्र में स्वच्छता अभियान के तहत चार लाख बच्चों और नागरिकों को जोड़ा गया है।