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60% मुस्लिम वोटर्स वाली यूपी की कुंदरकी सीट में BJP को ऐसे मिली डेढ़ लाख वोटों से जीत

60% मुस्लिम वोटर्स वाली यूपी की कुंदरकी सीट में BJP को ऐसे मिली डेढ़ लाख वोटों से जीत

कुंदरकी सीट पर बीजेपी ने अपना 31 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस सीट पर 1993 में बीजेपी आखिरी बार जीती थी.इस बार बीजेपी के रामवीर सिंह एक लाख 31 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. जबकि सपा के हाजी रिजवान को करीब 20 हजार वोट मिले हैं.जाहिर है कि बीजेपी की इतनी बड़ी जीत लोगों को हैरान कर रही है.दरअसल मुरादाबाद जिले में स्थित इस सीट पर 60 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाताओं की आबादी है.इसलिए मुस्लिम समुदाय इस विधानसभा सीट पर जीत हार में अहम रोल अदा करता रहा है.

60% मुस्लिम वोटर्स वाली यूपी की कुंदरकी सीट में BJP को ऐसे मिली डेढ़ लाख वोटों से जीत

मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलना चाहिए था. पर आश्चर्यजनक यह है कि इस सीट पर अभी तक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को केवल 25 हजार वोट ही मिल सके हैं. जबकि यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती रही है. कहा जा रहा है कि सपा उम्मीदवार से लोगों की पहले से चली आ रही नाराजगी और 8 साल से भाजपा की सरकार में सक्रिय कार्यकर्ता बन लोगों की हर समय मदद करने वाले भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर को मुस्लिम समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिला है. उसी आधार पर भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर के चुनाव जीतने की उम्मीद ज्यादा प्रबल मान रहे हैं.

1-क्या बीजेपी प्रत्याशी का मुस्लिम टोपी पहनना काम कर गया

कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामवीर सिंह का मुस्लिम टोपी पहनना काम कर गया. वैसे रामवीर सिंह का परिवार बहुत पहले से ही मुसलमानों के बीच में बहुत लोकप्रिय था.पर इसके पहले ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब मुस्लिम समुदाय के बीच लोकप्रिय लोगों ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें मुस्लिम समुदाय ने नकार दिया.तो आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ? ऐसा भी नहीं है कि मुस्लिम वोट बंट गए हों. यहां पर कुल 12 प्रत्याशी थे , केवल एक रामवीर सिंह को छोड़कर सभी मुस्लिम थे. पर मुस्लिम जनता ने उनमें से किसी को भी अपना नेता नहीं माना. कुल 86 प्रतिशत रामवीर सिंह को मिलते दिखाई पड़ रहे हैं. कुल 60 परसेंट की मुस्लिम आबादी और कुल आबादी का 86 परसेंट वोट बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह को मिलना वाकई में मामला गंभीर बन जाता है.  

2-दो दो बार मुस्लिम समुदाय ने रुपये से तौला था रामवीर सिंह

कुंदरकी के बारे में यह कह देना आसान है कि अधिकारियों के बल पर सरकार ने यह सीट जीत ली. पर यह भी देखना होगा कि रामवीर सिंह को मुसलमानों ने कितना प्यार दिया. करीब 2 बार ऐसी खबरें आईं कि मुस्लिम जनता ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए उनकी वजन के बराबर रुपये से तौल दिया था.इसके साथ ही अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने भी बहुत मेहनत की.स्थानीय लोगों का कहना है कि बासित अली कुंदरकी सीट पर मुस्लिमों को अल्लाह की कसम खिलवा कर बीजेपी को वोट देने का वादा ले रहे थे. बीजेपी ने तुर्क मुस्लिम बनाम राजपूत मुस्लिम वोटों को साधने का दांव चला. दरअसल बासित अली मुस्लिम राजपूत हैं और ठाकुर रामवीर सिंह को उन्होंने अपना भाई बताकर मुस्लिम वोटों के बीच पैठ बनाई. कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में मूंढापांडे गांव मुस्लिम बहुल है. रामवीर सिंह को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां रुपये से तौला था. कुंदरकी में 40 हजार के करीब तुर्क मुसलमान हैं, जबकि 1 लाख 10 हजार के करीब अन्य मुस्लिम जातियां है. 

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3-मुस्लिम बीजेपी नेता की मौत पर समुदाय का बहिष्कार उल्टा पड़ गया

कुछ लोगों का कहना है कि यूपी के मुरादाबाद में मुस्लिम बीजेपी कार्यकर्ता की मौत के बाद जनाजे की नमाज बड़ी मस्जिद के इमाम ने पढ़ने से सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि मृतक का पूरा परिवार भाजपा समर्थक था. इतना ही नहीं बीजेीप समर्थित इस परिवार का आस पास के लोगों ने भी सामाजिक बहिष्कार भी कर रखा था.  मृतक के बेटे ने डीएम ऑफिस पहुंचकर शिकायत दिया था. मृतक के बेटे की शिकायत पर इमाम सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में सपा नेताओं पर भी परिवार को धमकाने का आरोप लगा. आरोप लगा कि सपा नेताओं ने कहा कि तुम अपने आप को नहीं बचा पाओगे क्योंकि तुमने भाजपा को वोट दिया है. हम तुझे जान से मार देंगें या किसी झूठे केस में फंसा कर जेल में सड़ा देंगें. हालांकि इमाम ने नमाज नहीं पढ़ाने को धार्मिक मसला बताया.जनाजे की नमाज इसलिए नहीं पढ़ाई क्योंकि अलीदाद खान हमेशा हमारे नवी को गलत बोलते थे. यह धार्मिक मसला है. उनके जनाजे की नमाज में शामिल नहीं हुआ क्योंकि मैं मस्जिद की नमाज पढ़ने का इमाम हूं. जनाजे की नमाज कोई परिवार का सदस्य भी पढ़ा सकता है.कहा जा रहा है कि इस बात से बहुत से समुदाय के लोग समाजवादी पार्टी के खिलाफ हो गए.

4-क्या सपा के ऐलान से नाराज हो गया मुस्लिम समुदाय

कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी प्रत्य़ाशी ने ऐलान किया था कि कुत्ते के गले में भी पट्‌टा बांध देंगे तो भी सीट कुंदरकी जीत लेंगे. इस बात को रामवीर सिंह ने मुद्दा बना लिया था. वे इस विधानसभा सीट में रहने वाले मुस्लिमों और यादवों के घर गए. उन्होंने उनसे कहा कि सपा की नजर में न तो आपके वोट की कीमत है और न ही आपकी. उन्होंने सवाल किया कि क्या आपकी कीमत पट्‌टे के बराबर है? रामवीर सिंह का कहना है कि ये गंगा जमुनी तहजीब की जीत है. हर जाति वर्ग के बंधन तोड़ने की जीत है. फिलहाल जो भी है ये नई शुरुआत है.एनडीए गठबंधन को महाराष्ट्र में भी मुस्लिम वोट्स मिलता दिख रहा है.कुंदरकी ने मैसेज दिया है कि भाजपा मुस्लिमों को गले लगाए तो वो भी दो कदम आगे बढ़कर साथ निभाएंगे. 

5-या वास्तव में प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय को वोट नहीं करने दिया

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान ने वोटिंग के दिन ही कुंदरकी में पड़े वोटों के आधार पर फिर से चुनाव कराने की मांग कर दी थी. वोटिंग वाले दिन ही मोहम्मद रिजवान ने आरोप लगाया था कि 250 से ज्यादा बूथों पर हमारे एजेंट नहीं बनाए गए. वोटर लिस्ट से लोगों के नाम काट दिए गए हैं. एक बूथ पर पुलिस ने कहा कि 10 बजे के बाद वोट डालने आना. पुलिस अपने हाथ से वोट डाल रही है.उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि पुलिस ने वोट नहीं डालने नहीं दिया. हालांकि वहीं बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह ने कहा कि जब सपा सरकार थी तो यहां मुस्लिमों पर अत्याचार हुए. हम उनके बीच गए, उनका दुख दर्द बांटा. थाने और कचहरी गए. उनका साथ देकर उन्हें ऑक्सीजन देने का काम किया. यहां जीत का यह एक बड़ा कारण है.

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