इन 9 बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है ये चमत्कारी पौधा, आयुर्वेद में कहलाता है संजीवनी बूटी. …. .

इन 9 बीमारियों में बहुत ही लाभदायक है ये चमत्कारी पौधा, आयुर्वेद में कहलाता है संजीवनी बूटी. …. .

आज हम आपको मदार के पत्ते, फूल और पूरे पौधे के फायदों के बारे में बताएँगे। मदार को आक, अकौआ इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। मदार का पौधा हर समय मिलता है। यह पौधा झाड़ीनुमा होता है और इसमे सफ़ेद और हल्के गुलाबी रंग के फूल आते है।मदार के पौधे को आयुर्वेद में संजीवनी बूटी जितना महत्वपूर्ण बताया गया है।

इस पौधे का उपयोग सैकड़ों बीमारियों में किया जाता है। इस पौधे का दूध सिर्फ आँखों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए इसे आँखों से दूर रखना चाहिए। आज हम आपको मदार के पौधे के फायदे बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं उन फायदों के बारे में।

1.बवासीर मदार की पत्तियों को तोड़कर सुखा लें, इन सूखी हुई पत्तियों को जलाकर इसका धुआं लेने पर बवासीर रोगी को दर्द और खुजली से राहत दिलाता है। यह बवासीर के प्रभाव को कम करने का सबसे अच्‍छा विकल्‍प है।

2.जोड़ो का दर्द जोड़ो के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप आक की परिपक्‍य पत्तियों को तोड़कर बिना पानी मिलाए पीस लें और एक महीन पेस्‍ट तैयार करें। आप इस पेस्‍ट में आवश्‍यक हो तो थोड़ा सा नमक भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण को दर्द वाले जोड़ो पर लगाएं। 2 से 3 दिनों तक नियमित रूप से सुबह-शाम इस मिश्रण का उपयोग करने पर यह जोड़ो के दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

3.अस्‍थमा यह अस्‍थमा और पुरानी खांसी का शर्तिया इलाज हो सकता है। इसके लिए आप मदार के फूलों को इकहट्ठा करें और इसे छांव में सुखा लें। इन सूखे हुए फूलों को पीस कर पाउडर बना लें और इसमें थोड़ा सा खड़ा नमक को पीस कर मिला लें। इस मिश्रण को आप ऐसे ही खा सकते हैं या फिर इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पिया भी जा सकता है। इस तरह आक के फूलों का उपयोग कर आप अस्‍थमा खांसी, सर्दी आदि से राहत पा सकते हैं।

4.बहरापन इसके लिए आपको पौधे पर लगे हुए पीले पत्‍तों की आवश्‍यकता होती है जो कि सूखने वाले होते हैं। इन पत्‍तों को गर्म करके इनका रस निकालने के लिए निचोड़ें। इससे प्राप्‍त रस की कुछ बूंदों को कान में डालें। यह कान के बहरेपन को दूर करने में मदद करता है।

5.त्‍वचा के लिए दाद, फंगल संक्रमण और किसी कीड़े के काटने के दुष्‍प्रभाव से ग्रसित व्‍यक्तियों के लिए आक का दूध बहुत ही फायदेमंद होता है। आप आक से निकलने वाले दूध का उपयोग कर त्‍वचा की विभिन्‍न प्रकार की समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल आक के दूध को इक्‍हट्ठा करने की आवश्‍यकता है और इस दूध को आप त्‍वचा रोग, दाद , फोड़े या घावों के ऊपर लगाएं। इसमें उपस्थित एंटीऑक्‍सीडेंट आपकी त्‍वचा समस्‍याओं को दूर करने और उन्‍हें ठीक करने में मदद करते हैं।

6.हैजा का उपचार कोलेरा एक घातक बीमारी होती है जो कि एक महामारी की तरह फैलती है। आयुर्वेद के अनुसार हैजा से बचने के लिए आक की जड़ों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप आक की जड़ों को अच्‍छी तरह से साफ कर लें। इन जड़ों को सुखा कर पाउडर बना लें। इस पाउडर में अदरक का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां तैयार कर लें। कुछ दिनों तक हर दो घंटों में 1 चम्‍मच पुदीना के रस के साथ एक गोली का सेवन करे। यह हैजा से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

7.महिला बांझपन को दूर करे इसके लिए आपको सफेद आक के फूलों को तोड़कर इन्‍हें छांव में सुखाएं और इसे पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर की 1 से 2 ग्राम मात्रा को प्रतिदिन 1 गिलास गाय के दूध के साथ सेवन करने से महिलाओं में बांझपन की शिकायत को दूर किया जा सकता है।

8.पाचन को ठीक करे आप अपने पाचन को ठीक करने के लिए आक का उपयोग कर सकते हैं। आक हल्‍का और पाचन को आसान बनाता है जिससे पाचन शक्ति में सुधार होता है। इसके वता शांति गुणों के कारण यह भोजन के अनुचित पाचन के परिणामस्‍वरूप सूजन, पेट फूलना और पेट के विकार को दूर करने में मदद करता है।

9.उल्‍टी कराने में लाभकारी इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की पत्तियों से निकलने वाले रस में उल्‍टी कराने वाले गुण होते हैं जिसके कारण इसका उपयोग उल्‍टी थेरेपी के लिए किया जाता है। विशेष रूप से यह पेट में मौजूद विषाक्‍तता या विष को बाहर निकालने में मदद करता है।

आज हम आपको मदार के पत्ते, फूल और पूरे पौधे के फायदों के बारे में बताएँगे। मदार को आक, अकौआ इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। मदार का पौधा हर समय मिलता है। यह पौधा झाड़ीनुमा होता है और इसमे सफ़ेद और हल्के गुलाबी रंग के फूल आते है। मदार के पौधे को आयुर्वेद में संजीवनी बूटी जितना महत्वपूर्ण बताया गया है।

इस पौधे का उपयोग सैकड़ों बीमारियों में किया जाता है। इस पौधे का दूध सिर्फ आँखों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए इसे आँखों से दूर रखना चाहिए। आज हम आपको मदार के पौधे के फायदे बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं उन फायदों के बारे में।

1.बवासीर मदार की पत्तियों को तोड़कर सुखा लें, इन सूखी हुई पत्तियों को जलाकर इसका धुआं लेने पर बवासीर रोगी को दर्द और खुजली से राहत दिलाता है। यह बवासीर के प्रभाव को कम करने का सबसे अच्‍छा विकल्‍प है।

2.जोड़ो का दर्द जोड़ो के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप आक की परिपक्‍य पत्तियों को तोड़कर बिना पानी मिलाए पीस लें और एक महीन पेस्‍ट तैयार करें। आप इस पेस्‍ट में आवश्‍यक हो तो थोड़ा सा नमक भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण को दर्द वाले जोड़ो पर लगाएं। 2 से 3 दिनों तक नियमित रूप से सुबह-शाम इस मिश्रण का उपयोग करने पर यह जोड़ो के दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

3.अस्‍थमा यह अस्‍थमा और पुरानी खांसी का शर्तिया इलाज हो सकता है। इसके लिए आप मदार के फूलों को इकहट्ठा करें और इसे छांव में सुखा लें। इन सूखे हुए फूलों को पीस कर पाउडर बना लें और इसमें थोड़ा सा खड़ा नमक को पीस कर मिला लें। इस मिश्रण को आप ऐसे ही खा सकते हैं या फिर इसे गर्म पानी के साथ मिलाकर पिया भी जा सकता है। इस तरह आक के फूलों का उपयोग कर आप अस्‍थमा खांसी, सर्दी आदि से राहत पा सकते हैं।

4.बहरापन इसके लिए आपको पौधे पर लगे हुए पीले पत्‍तों की आवश्‍यकता होती है जो कि सूखने वाले होते हैं। इन पत्‍तों को गर्म करके इनका रस निकालने के लिए निचोड़ें। इससे प्राप्‍त रस की कुछ बूंदों को कान में डालें। यह कान के बहरेपन को दूर करने में मदद करता है।

5.त्‍वचा के लिए दाद, फंगल संक्रमण और किसी कीड़े के काटने के दुष्‍प्रभाव से ग्रसित व्‍यक्तियों के लिए आक का दूध बहुत ही फायदेमंद होता है। आप आक से निकलने वाले दूध का उपयोग कर त्‍वचा की विभिन्‍न प्रकार की समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल आक के दूध को इक्‍हट्ठा करने की आवश्‍यकता है और इस दूध को आप त्‍वचा रोग, दाद , फोड़े या घावों के ऊपर लगाएं। इसमें उपस्थित एंटीऑक्‍सीडेंट आपकी त्‍वचा समस्‍याओं को दूर करने और उन्‍हें ठीक करने में मदद करते हैं।

6.हैजा का उपचार कोलेरा एक घातक बीमारी होती है जो कि एक महामारी की तरह फैलती है। आयुर्वेद के अनुसार हैजा से बचने के लिए आक की जड़ों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप आक की जड़ों को अच्‍छी तरह से साफ कर लें। इन जड़ों को सुखा कर पाउडर बना लें। इस पाउडर में अदरक का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां तैयार कर लें। कुछ दिनों तक हर दो घंटों में 1 चम्‍मच पुदीना के रस के साथ एक गोली का सेवन करे। यह हैजा से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

7.महिला बांझपन को दूर करे इसके लिए आपको सफेद आक के फूलों को तोड़कर इन्‍हें छांव में सुखाएं और इसे पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर की 1 से 2 ग्राम मात्रा को प्रतिदिन 1 गिलास गाय के दूध के साथ सेवन करने से महिलाओं में बांझपन की शिकायत को दूर किया जा सकता है।

8.पाचन को ठीक करे आप अपने पाचन को ठीक करने के लिए आक का उपयोग कर सकते हैं। आक हल्‍का और पाचन को आसान बनाता है जिससे पाचन शक्ति में सुधार होता है। इसके वता शांति गुणों के कारण यह भोजन के अनुचित पाचन के परिणामस्‍वरूप सूजन, पेट फूलना और पेट के विकार को दूर करने में मदद करता है।

9.उल्‍टी कराने में लाभकारी इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की पत्तियों से निकलने वाले रस में उल्‍टी कराने वाले गुण होते हैं जिसके कारण इसका उपयोग उल्‍टी थेरेपी के लिए किया जाता है। विशेष रूप से यह पेट में मौजूद विषाक्‍तता या विष को बाहर निकालने में मदद करता है।

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