Dr S K Sarin on Blackish Behind Neck: आमतौर पर हम गर्दन को लेकर शायद किसी चीज पर नजर देते हैं लेकिन लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर शिव कुमार सरीन का कहना है कि गर्दन की लंबाई, गर्दन की मोटाई, गर्दन के पीछे का रंग, गर्दन का आकार, इन सब चीजों का लिवर से सीधा वास्ता है.
यानी अगर आपकी गर्दन सुराहीदार है, ज्यादा मोटे नहीं है, रंग जो भी हो साफ है, कोई मस्सा नहीं है तो इसका मतलब है कि आपका लिवर भी ठीक है. और यदि लिवर हेल्दी है तो आपको मोटापा नहीं है, शुगर नहीं, पेट ठीक है, बीपी नहीं है, आदि, आदि. पर सवाल यह है कि फिर खतरा किन चीजों से हैं. डॉ. सरीन कहते हैं कि यदि आपकी गर्दन के पीछे काली लाइन है तो इसका मतलब है कि आपका लिवर हेल्दी नहीं है और इस कारण आपको कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं. इतना ही नहीं अगर गर्दन आपकी मोटी है तो भी खतरा और गर्दन के पीछे मस्सा है तो भी खतरा हो सकता है.
काली गर्दन का क्या मतलब
डॉ. सरीन ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में बताया कि गर्दन के पीछे काली लाइन को नेकलेस साइन कहते हैं. इसे मेडिकल टर्म में इसे एकेंथोसिस निग्रीकेंस (Acanthosis nigricans) कहा जाता है. इसमें गर्दन की स्किन बहुत ज्यादा डार्क, पतली, वेलवेटी या पैचेज निकलने लगते हैं. हमलोगों की जो स्किन होती है उसमें यह काली होने लगती है. एक तरह से गर्दन के पीछे की स्किन बदरंग होने लगती है. इसमें ऐसा लगेगा कि गर्दन के पीछे एक क्रीच बन गई है या लेयर में स्किन फोल्ड हो रही है. मोटापे से पीड़ित लोगों में ऐसा अक्सर देखा जाता है. डॉ. सरीन ने तो यहां तक बताया कि यह कैंसर के भी संकेत हो सकते हैं. गर्दन के पीछे अगर काली लाइनें हैं तो इससे लिवर खराब होने का तो संकेत मिलता ही है, इसके अलावा यह डायबिटीज का भी संकेत हो सकता है. कुछ मामलों में यह पेट, कोलोन और लिवर कैंसर का भी संकेत है सकता है.
गर्दन की मोटाई कतनी होनी चाहिए
डॉ. एस. के. सरीन ने बताया कि गर्दन के पीछे अगर मस्सा है तो इसे भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अगर मस्से का रंग बदल रहा है या इसका आकार बदल रहा है तो इसे और गंभीरता से लेनी चाहिए. बेशक ऐसा बचपन से हो रहा हो या हाल ही में हुआ है गर्दन पर मस्से को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. डॉ. सरीन ने बताया कि गर्दन की मोटाई अगर ज्यादा है तो इसका भी मतलब है कि आपका लिवर खराब होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि अगर गर्दन की मोटाई 37 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपका लिवर खराब है. इसलिए आपको अपने लिवर को हर हाल में ठीक करना होगा. उन्होंने कहा कि गर्दन साफ-सुथरी और पतली होनी चाहिए. इसका मतलब है कि आपको अपना कॉलर साइज छोटा रखना चाहिए. गर्दन में बल्ज यानी उभार नहीं होना चाहिए.
इन सबसे बचने के लिए क्या करना चाहिए
डॉ. शिव कुमार सरीन ने बताया कि हमारा लिवर शरीर के लिए 500 से ज्यादा काम करता है. इसमें अरबों कोशिकाएं हैं जिनमें सबके अलग-अलग काम हैं. यह शरीर के लगभग हर काम में भाग लेता है. इसलिए यह एक कॉरपोरेट भी है और इसका मालिक भी है, साथ ही यह मजदूर भी है. ईश्वर ने लिवर को इतना शक्तिशाली बनाया है कि इसे पसलियों के अंदर छुपा दिया है ताकि इसका नुकसान न हो. लिवर कभी बूढ़ा भी नहीं होता. यह हमेशा 3 साल की उम्र का ही होता है. लिवर खाना पचाता है, पित्त बनाता है, भूख लगाता है, फैट को कंट्रोल करता है और इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. इसके अलावा भी इसके कई तरह के काम हैं. इसलिए आपको अपने लिवर को हेल्दी रखना है. लिवर हेल्दी रहेग तो कई तरह की बीमारियों से दूर रहेंगे.
लिवर को हेल्दी रखने का सबसे बेस्ट तरीका है एक्सरसाइज. अगर आप रेगुलर एक्सरसाइज करेंगे और हेल्दी चीजें खाएंगे तो लिवर खराब होने का खतरा बहुत कम है. रेगुलर एक्सरसाइज का यह मतलब नहीं कि टहल लिए हो गया या जिम में गए तो एक्सरसाइज कर लिए. एक्सरसाइज ऐसी होनी चाहिए कि आपको पसीना निकले. इसलिए तेज रनिंग कीजिए, साइकिल चलाइए, तैराकी कीजिए, देर तक वॉक कीजिए. डाइट में आप रोजाना हरी पत्तीदार सब्जियां, साबुत अनाज, ताजे फल, सीड्स, ड्राई फ्रुट्स आदि का सेवन कीजिए. इन सबके अलावा बाहर की चीजें, पैकेटबंद चीजें, फास्ट फूड, जंक फूड आदि से परहेज कीजिए.