कैलाश पर्वत, हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसकी ऊंचाई 6638 मीटर है. इस पर्वत पर अभी तक कोई व्यक्ति नहीं चढ़ पाया है. चलिए आपको इस आर्टिकल में कैलाश पर्वत से जुड़े रहस्यों के बारे में बताते हैं.
आज के समय में शायद ही कोई होगा जिसने कैलाश पर्वत के बारे में नहीं सुना होगा. 5 सालों के बाद एक बार फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत हो चुकी है, जो कि सबसे कठिन तीर्थ यात्रा मानी जाती है. हिमालय के तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत हिंदू धर्म के साथ ही बौद्ध, जैन और तिब्बती बोन धर्म के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भोलेनाथ का निवास स्थान माना गया है.
इस पवित्र पर्वत की महिमा का वर्णन शिव पुराण, स्कंद पुराण और मत्स्य पुराण में भी मिलता है. कैलाश पर्वत कई विचित्र और अनसुलझे रहस्यों से भरा हुआ है. इन्हीं रहस्यों में से एक है इसपर न चढ़ पाना. ऐसा माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ सकता है, क्योंकि इसकी चढ़ाई असंभव है. आइए जानते हैं कि कैलाश पर्वत पर कोई क्यों नहीं चढ़ पाता है.
कई लोगों ने की कैलाश पर्वत पर चढ़ने कोशिश
वैसे तो कैलाश पर्वत से ऊंचे कई पहाड़ हैं, लेकिन इसपर चढ़ना बेहद ही मुश्किल है. कैलाश पर्वत को फतह करना एक बड़ा चैलेंज माना जाता है और इसे अजेय भी माना गया है. कहते हैं कि कई पर्वतारोहियों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सफल नहीं हो पाया है. इसकी ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से कम होने के बावजूद कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करना बहुत मुश्किल है.

कैलाश पर्वत पर पहली बार कौन चढ़ा था?
ऐसा कहते हैं कि कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी व्यक्ति सफलतापूर्वक चढ़ाई करके वापस नहीं आ पाया है. लेकिन कैलाश पर्वत पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति बौद्ध भिक्षु मिलारेपा थे. उन्होंने 11वीं शताब्दी में कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की थी. मिलारेपा को दुनिया का ऐसा एकमात्र व्यक्ति माना जाता है, जिसने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की और जीवित वापस लौटे.
कैलाश पर्वत पर हेलीकॉप्टर क्यों नहीं उड़ सकता है?
कैलाश पर्वत पर हेलीकॉप्टर या विमानों का उड़ना प्रतिबंधित है. इसकी वजह यह है कि इतनी ऊंचाई पर हवा का घनत्व बहुत कम होता है, जिससे विमानों के इंजन और गति पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा, कैलाश पर्वत को कई धर्मों में पवित्र माना जाता है और इसके ऊपर से उड़ान भरना लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है. इन्हीं वजहों को ध्यान में रखते हुए कैलाश पर्वत पर विमान नहीं उड़ते हैं.
कैलाश पर्वत पर न चढ़ने का धार्मिक कारण
भगवान शिव का निवास:- कैलाश पर्वत को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है.
पवित्रता:- कैलाश पर्वत हिंदू, बौद्ध, जैन और बॉन धर्मों में पवित्र माना गया है और इस पर चढ़ाई करना पाप माना जाता है.
पुण्य आत्माओं का निवास:- कहते हैं कि कैलाश पर्वत पर केवल देवता और पुण्य आत्माएं ही निवास करती हैं, इसलिए साधारण मनुष्य इस पर नहीं चढ़ सकता है.
अदृश्य शक्ति:- कुछ लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर एक अदृश्य शक्ति है, जो लोगों को चढ़ने से रोकती है.
अजीब आवाजें:- कहते हैं कि कैलाश पर्वत पर अजीब आवाजें और चमकता प्रकाश दिखाई देता है, जो इसे और भी रहस्यमय बनाते हैं.
कैलाश पर्वत पर न चढ़ने का भौगोलिक और वैज्ञानिक कारण
खड़ी चट्टानें:- कैलाश पर्वत की चोटी तक पहुंचने के रास्ते में खड़ी चट्टानें और हिमखंड हैं, जो इसकी चढ़ाई को बहुत मुश्किल बनाते हैं.
चुंबकीय क्षेत्र:- वैज्ञानिकों के मुताबिक, कैलाश पर्वत पर एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र है, जो चढ़ाई को और भी मुश्किल बनाता है.
दिशाहीनता:- कहते हैं कि पर्वत पर चढ़ने पर व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है, जिससे चढ़ाई करना असंभव हो जाता है.