आज है पौष पुत्रदा एकादशी, जानें पूजन का मुहूर्त, उपासना विधि और पारण का समय

Today is Paush Putrada Ekadashi, know the auspicious time of worship, method of worship and time of ParanaToday is Paush Putrada Ekadashi, know the auspicious time of worship, method of worship and time of Parana

नई दिल्ली। Putrada Ekadashi 2025: आज पौष पुत्रदा एकादशी है. एकादशी का दिन श्रीहरि की उपासना की जाती है. यह व्रत संतान प्राप्ति और परिवार कल्याण के लिए आशीर्वाद चाहने वाले भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और दैवीय कृपा प्राप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस एकादशी को बैकुंठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)

एकादशी तिथि की शुरुआत 9 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 10 जनवरी यानी आज सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, पौष मास की पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी आज ही है.

पुत्रदा एकादशी के पारण का समय- पारण का मुहूर्त 11 जनवरी यानी कल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक होगा.

पौष पुत्रदा एकादशी पूजन विधि (Putrada Ekadashi 2025 Pujan Vidhi)

पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा घर को साफ करें और पूरे घर को शुद्ध करें. मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. फिर शंख में जल लेकर प्रतिमा का अभिषेक करें. भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं. चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र आदि से पूजा करें और प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं. इस दिन संभव हो तो पीले वस्त्र पहनकर ही पूजा करें और भगवान विष्णु को भी पीले वस्त्र अर्पित करें. इसके अलावा, श्री हरि विष्णु को मौसमी फलों के साथ आंवला, लौंग, नींबू, सुपारी अर्पित करें.

इसके बाद गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं. ध्यान रहे कि भोग में तुलसी जरूर रखें क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इसके बाद आरती करें और पुत्रदा एकादशी की कथा जरूर पढ़ें क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है. एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें व श्री हरि विष्णु से अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगे. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इसके बाद ही व्रत पारण करें.

पुत्रदा एकादशी के दिन करें ये आसान उपाय

1. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए

पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में दूध डालकर अभिषेक करना चाहिए. साथ ही भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों की माला पहनानी चाहिए और चंदन का तिलक श्रीहरि के मस्तक में लगाना विशेष फलदायी रहता है. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु को जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है और उनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है.

2. संतान प्राप्ति के लिए

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पौष पुत्रदा एकादशी के दिन मंदिर में गेहूं अथवा चावल का दान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है और संतान को दीर्घायु प्राप्त होती.

3. बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए

एकादशी तिथि के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है. ऐसे में, इस विशेष दिन पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का दीपक जलाएं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं का वास होता है इसलिए ऐसा करने से भक्त बड़ी से बड़ी बीमारियों से छुटकारा पा लेता है और स्वस्थ रहता है.

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