आज देश में रोड का नेटवर्क बहुत बड़ा है और ये हर रोज़ बढ़ता जा रहा है। आज हरकोई टोल टैक्स देने के लिए Fastag का इस्तेमाल करता है और सरकार जल्दी ही इसे भी बंद करके नया सिस्टम लाने जा रही है जिससे अब टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस सिस्टम के लॉन्च होने से पहले ही मंत्री Nitin gadkari ने ऐसी बात कह दी है जिसे सुन कर हर वाहन चालक खुश हो गया है। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
Delhi : आज देश में सड़कों का लगातार विकास हो रहा है , बड़े बड़े हावय बन रहे हैं पर फिर भी बहुत साड़ी सड़कें ऐसी है जो टूटी हुई है और ऐसी सड़कों की देखरेख भी अच्छे से नहीं हो रही। खराब सड़कों की वजह से कार चालकों को होने वाली परेशानी को समझते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा यदि सड़कें खराब हैं और लोगों को परेशानी हो रही है तो ऐसे में हाईवे एजेंसियों का टोल लेना सही नहीं है. उन्होंने सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग सिस्टम पर आयोजित एक ग्लोबल वर्कशॉप में यह बात कही. इस साल सरकार 5,000 किमी सड़क पर टोलिंग का नया सिस्टम लागू करने की तैयारी कर रही है.
सोशल मीडिया पर आती है बहुत शिकायतें
Nitin Gadkari ने साफ कहा कि यदि आप अच्छी सर्विस नहीं दे सकते तो आपको टोल नहीं लेना चाहिए. जब किसी सड़क का हालत अच्छी नहीं होती तो मुझे कई शिकायतें मिलती हैं. सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़ी पोस्ट भरी पड़ी हैं… अगर आप गड्ढों, कीचड़ वाली सड़कों पर टोल लेते हैं तो लोगों का गुस्सा फूटेगा. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कि हाइवे पर टोलिंग से जुड़ी एजेंसियों के अधिकारियों को टोल प्लाजा पर लंबे समय तक इंतजार करने वाले लोगों की परेशानी पर भी सोचना चाहिए. इस तरह की परेशानी पर शिकायत दर्ज करके तुरंत उनको सॉल्व करने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए.
हाइवे से टोल प्लाजा हो जाएंगे गायब!
GNSS (Global Navigation Satellite System) लागू होने के बाद वह दिन दूर नहीं जब हाइवे पर आपको टोल प्लाजा नहीं मिलेंगे. हाइवे अथॉरिटी ने सिस्टेमेटिक तरीके से इसे शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. पहले इसकी शुरुआत कमर्शियल व्हीकल से की जाएगी. टोल प्लाजा की एक लेन पूरी तरह GNSS के लिए रहेगी. इसके शुरू होने के बाद वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे. सरकार की योजना अगले चरण में प्राइवेट व्हीकल में GNSS को लागू करने की है.
गडकरी ने कहा कि जीएनएसएस बेस्ड टोल कलेक्शन से सरकार के टोल रेवेन्यू में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. उन्होंने कहा, ‘हमें देश में जीएनएसएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम (Global Navigation Satellite System) को लीक प्रूफ सिस्टम स्थापित करने की जरूरत है ताकि टोल यूजर्स को किसी तरह की परेशानी न हो.