ब्रज की अद्भुत होली का उल्लास जारी है। आज नंदगांव में लठमार होली खेली गई। बरसाना की लठमार होली के अगले दिन यानी फाल्गुन शुक्ला दशमी को बरसाना के हुरियारे नंदगांव की हुरियारिनों से होली खेलने उनके यहां पहुंचते हैं। यहां नंदभवन में होली की खूब धूम मचती है। राधाकृष्ण के प्रेम की प्रतीक यह दोनों उत्सव अपने आप में अद्भुत और दिव्य हैं।
नंदगांव यानी भगवान कृष्ण की लीला स्थली। नंदगांव राधारानी के गांव बरसाना से केवल आठ किलोमीटर दूर है। बरसाना में लठामार होली कल खेली गई थी…जहाँ नंदगांव के हुरियारे बरसाना पहुंचे थे,उन्होंने राधा रानी के गांव की हुरियारिनों के संग परंपराओं को निभाते हुए होली खेली थी।
आज बरसाना के हुरियारे नंदगांव पहुंचेंगे और वहां की हुरियारिनों संग लठामार होली खेली। बरसाना के हुरियारों के स्वागत के लिए नंदभवन को भव्य रूप से सजाया गया है। नंद गांव वासी बेसब्री से बरसाना के हुरियारों को इंतजार कर रहे हैं। हर तरफ होली का उल्लास था। बरसाना के हुरियारो को आने के बाद फ़िर शुरु हुआ लट्ठामार होली का विहंगम दृश्य।
अद्वितीय राधाकृष्ण की अलौकिक होली लीला देखने के लिए भगवान सूर्य भी कुछ क्षण के लिए स्थिर हो जाते हैं। मान्यता है कि जब तक गोपियां हुरियारे और कान्हा के साथ होली नहीं खेलतीं तब तक सूर्य नहीं छिपता है।
वाकई अगर आपने बरसाना और नंदगांव की होली नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा। यहां की होली में प्रेम बरसता है। परंपराओं का गुलाल उड़ता है। अगर संबंधों को निभाना सीखना है तो ब्रज वालों से सीखिए। नंदगांव के लोगों में सखा भाव और बरसाने में सखी भाव की मिठास आज भी जीवंत है। वही होली के रंग में रंगे श्रद्धालु और स्थानीय लोगों जहां होली के रंग में रंगे दिखाई दे रहे हैं और होली का आनंद ले रहे हैं।
ये भी पढ़ें:UP: पाल समाज के लोगों ने निकाला कैंडल मार्च, उमेश पाल के हत्यारों पर कार्रवाई करने की उठाई