Vastu Shastra: जूते-चप्‍पल को उल्‍टा रखना अशुभ क्यों माना जाता है? इससे क्या नुकसान होता है? जानिए वजह

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन से जुड़ी सभी चीजें नवग्रहों से जुड़ी होती हैं। जूते-चप्पल भी आपके किसी बड़े सुख-दुख की वजह बन सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर जूते-चप्पलों से जुड़ी वो कौन सी बातें हैं, जिन पर थोड़ा सा ध्यान देने से ही आपकी किस्मत में सुधार हो सकता है।

Vastu Shastra: जूते-चप्‍पल को उल्‍टा रखना अशुभ क्यों माना जाता है? इससे क्या नुकसान होता है? जानिए वजह

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के पृथ्वी पर जन्म लेते ही मनुष्य का संबंध नवग्रहों से जुड़ जाता है। इन नवग्रहों से जुड़ी सभी चीजें भी उनके जीवन को जीवन पर्यंत प्रभावित करती हैं, फिर चाहे वे जूते ही क्यों न हों। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पैरों में पहने जाने वाले जूतों का संबंध शनि, राहु और केतु से होता है।

यही कारण है कि ज्योतिष और वास्तु में जूते-चप्पलों को लेकर कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जो आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके सौभाग्य से भी जुड़े हैं।

इस जगह कभी भी ना रखें चप्पल-जूते

वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे कभी भी चप्पल-जूते नहीं रखने चाहिए। वास्तु के अनुसार इसे गंभीर दोष माना जाता है। इसी तरह अपने जूते-चप्पल को घर के ब्रह्म स्थान और उत्तर-पूर्व में भी नहीं रखना चाहिए।

मुख्य द्वार या द्वार पर जूते-चप्पल न उतारें

वास्तु के अनुसार अपने घर के मुख्य दरवाजे के ठीक बाहर यानी दहलीज पर जूते-चप्पल भूल कर भी उतारना नहीं चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर रखे जूते आपके भाग्य को प्रभावित करते हैं।

जूते-चप्पलों को हमेशा व्यवस्थित रखें

वास्तु के अनुसार घर में इधर-उधर फैले जूते-चप्पल बहुत बड़ा दोष माने जाते हैं। माना जाता है कि जिस घर में जूते-चप्पल व्यवस्थित रूप से नहीं रखे जाते हैं, उनके घर में शनि की अशुभता हमेशा बनी रहती है। इसी लिये घर के बड़े बुजुर्ग हमें हमेशा चप्पलों और जूतों को उल्टा रखने से टोकते हैं। ऐसे घर के जातकों में हमेशा मानसिक तनाव बना रहता है और कदम-कदम पर इनके कार्यों में रुकावटें आती रहती हैं।

अपने जूते-चप्पल इस दिशा में रखें

वास्तु के अनुसार जूते-चप्पल हमेशा पश्चिम दिशा में रखना उचित माना जाता है। इसलिए घर में जूते आदि रखने की जगह हमेशा इसी दिशा में बनानी चाहिए।

शनि दोष दूर करने का उपाय

यदि आप शनि की ढैय्या या शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हैं, तो आपको बिना किसी को बताए शनिवार के दिन किसी भी मंदिर के द्वार पर चुपचाप अपने जूते-चप्पल या जूते उतारने चाहिए। यह उपाय शनि मंदिर के बाहर किया जाए तो बहुत अच्छा रहता है। अगर आपके घर में फटे-पुराने जूते हैं और आप उनका इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो शनिवार के दिन उन्हें जरूर निकाल लें।

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