!शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम, ग्रामीण हुए परेशान, किसी को बताओं तो शर्म से लाल हो जाते हैं.

!शारीरिक संबंध पर रखा गांव का नाम, ग्रामीण हुए परेशान, किसी को बताओं तो शर्म से लाल हो जाते हैं.

‘नाम में क्या रखा है?’ आप लोगों ने ये कहावत कई बार सुनी होगी। लेकिन यदि नाम ऐसा हो जिसे बोलने में भी शर्म आए तो बेहतर यही होता है कि उस नाम को बदल दिया जाए। अब स्वीडन के एक गांव (Swedish Village) की इस अजीबोगरीब समस्या को ही ले लीजिए। यहां एक गाँव के लोग अपने गाँव के नाम को लेकर बड़ी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। उन्हें अपने गाँव का नाम किसी को भी बताने में शर्म आती है। क्योंकि उसका नाम किसी अश्लील चीज से मेल खाता है।

गाँव का नाम बोलने में आती है शर्म

weird village name

हम यहां जिस गाँव की बात कर रहे हैं वह स्वीडन (Sweden) का Fucke गांव है। इस गाँव के शुरुआती चार अक्षर अंग्रेजी की गाली से मिलते हैं। जिसका यदि हिंदी अनुवाद करें तो अर्थ शारीरक संबंध बनाने से मिलता जुलता होता है। गाँव वालों का कहना है कि उन्हें इस नाम से बड़ी दिक्कत होती है। यहां तक कि वे  सोशल मीडिया पर भी अपने गाँव का नाम नहीं लिख सकते हैं। सोशल मीडिया सेंसरशिप (Social Media Censorship) उन्हें इस नाम को लिखने की अनुमति नहीं देती है।

नाम बदलने के लिए छेड़ा अभियान

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अपने गाँव के नाम से परेशान होकर यहां के राहवासियों ने एक अभियान छेड़ दिया है। उन्होंने अपने गाँव का नाम बदलकर Dalsro (शांत घाटी) रखने की मांग की है। हालांकि गाँव का नाम बदला जाएगा या नहीं यह निर्णय नेशनल लैंड सर्वे विभाग लेगा। इसके पहले इस विभाग ने Fjuckby गांव का नाम बदलने की मांग को खारिज कर दिया था। विभाग का कहना था कि ये एक एतिहासिक नाम है इसलिए इसे बदला नहीं जा सकता है। Fucke नाम भी दशकों पहले रखा गया था। ये भी एक एतिहासिक नाम है। ऐसे में इस बात के चांस ज्यादा है कि विभाग इस गाँव का नाम भी ना बदले।

फ़ेसबुक भी रिजेक्ट कर देता है नाम

यहां रहने वाले एक स्थानीय ग्रामीण ने एक लोकल टीवी चैनल को अपना दर्द बयां किया। उसने बताया कि हमे इस नाम से बहुत शर्म महसूस होती है। सोशल मीडिया सेंसरशिप को भी ये नाम आपत्तिजनक या अश्लील लगते हैं। Facebook Algorithms हमारे गाँव के नाम को हटा देती है। ऐसे में हम इस पर अपने गाँव से जुड़ा कोई विज्ञापन भी नहीं डाल पाते हैं।

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अब इस मामले पर नेशनल लैंड ट्रस्ट स्वीडन के नेशनल हेरिटेज बोर्ड और भाषा एवं लोककथा संस्थान से मिलकर कोई फैसला ले सकता है। बताते चलें कि Fucke गाँव में महज 11 परिवार रहते हैं।

वैसे क्या आपको कभी किसी अजीब नाम की वजह से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है?

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