नई दिल्ली। इस्लाम के संस्थापक और कुरान के प्रचारक पैगंबर की मृत्यु को लेकर कई तरह की थ्योरी है। कोई कहता है कि उनकी मौत नेचुरल थी जबकि कुछ खासकर शिया मुस्लिम मानते हैं कि पैगंबर की मृत्यु जहर देने से हुई थी। पैगंबर को एक यहूदी महिला ने जहर दे दिया था, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी-
कैसे हुई मौत
कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद को जब अल्लाह का ज्ञान हासिल हुआ तबसे लेकर उनकी मृत्यु तक कई बार उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया। इसके कई सबूत इस्लामिक ग्रंथों में मिलते हैं। साथ ही ऐतिहासिक साहित्यों से भी ये बात पता चलती है। पैगंबर पर सबसे बड़ा हमला एक महिला ने किया था। इस हमले को लेकर ही उनकी मृत्यु को नेचुरल नहीं माना गया है।
महिला ने खिलाया जहरीला मांस
साल 629 में पैगंबर ने अरब के एक क्षेत्र खैबर में इस्लाम फैलाने के लिए आक्रमण किया। खैबर को जीतने की लड़ाई में कई यहूदियों की जान चली गई। यह लड़ाई मुसलमानों और यहूदियों के बीच में हुई थी। पैगंबर ने यह लड़ाई जीत ली लेकिन कई महिलाओं के परिवार बर्बाद हो गए। इसी में से एक महिला जैनब बिनत अल हरिद थी। जैनब अपने परिवार की हत्या का बदला लेना चाहती थी। इस घटना को लेकर हदीस और सिरा में उल्लेख है कि उनकी मौत का कारण जहरीला मांस था।
पैगंबर की दर्दनाक मौत
सुन्न अबू दाऊद हदीस नंबर 4512 में पता चलता है कि जैनब ने बकरे को मारकर उसमें जहरीला पदार्थ मिलाया और उसे पैगम्बर को खिला दिया। जैनब ने सोचा कि अगर इस जहर से पैगंबर की मृत्यु हो जाती है तो वो साधारण मनुष्य हैं और नहीं मरे तो वो अल्लाह के भेजे हुए हैं। पैगंबर ने वो मांस चख लिया था। वो 4 साल तक दर्द में रहे।पैगंबर जानते थे कि महिला ने उन्हें जहर दिया है लेकिन उन्होंने फिर भी उसे माफ़ कर दिया। हकीमों ने भी उनके लिए कई उपाय किए लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए। पैगंबर मोहम्मद के आखिरी समय में मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी थी। वो अपने आसपास के लोगों पर भी शक करते थे। एक बार तो उन्होंने आयशा पर शक किया क्योंकि आयशा ने उन्हें दवाई पिलाई थी।
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