टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था। पहले फोन का इस्तेमाल जरूरी कामों के लिए किया जाता था, क्योंकि उस समय फोन का बिल भी देना पड़ता था, जो कि प्रति मिनट के हिसाब से आया करता था। पर अब लैंडलाइन की जगह मोबाइल फोन ने ले ली है, जिसे हम सब समय अपने साथ रख सकते हैं और इसी वजह से हम आजकल काफी समय फोन पर बिताने लगे हैं।
कॉल रेट सस्ते होने की वजह से हम बिना मतलब भी कई बार फोन पर घंटों बात करते रहते हैं। व्यस्तता से भरी जिंदगी में अगर आपसे कोई पूछे कि किस चीज की वजह से आप सबसे ज्यादा व्यस्त रहते हैं, तो इसका एक जवाब फोन भी है।
अगर कुछ नहीं बदला, तो वो है फोन उठाते ही ‘हेलो’ बोलने का रिवाज। जब भी कोई किसी को फ़ोन करता है तो सामने वाला फोन उठाते ही सबसे पहला शब्द जो बोलता है वो है hello. पर ऐसा क्यों ? क्या आप बता सकते हैं ? इस बात को लेकर बहुत सारी धारणाएं हैं।
कई लोगों का मानना है कि फोन उठाने के बाद सबसे पहले हैलो शब्द बोलने का आईडिया टेलीफोन का अविष्कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का था। दरअसल, कहा जाता है कि टेलीफोन का अविष्कार करने के बाद ग्राहम बेल ने सबसे पहले अपनी गर्ल फ्रेंड को फोन लगाया था। जिनका नाम ‘ मार्गारेट हेलो ‘था। उन्होंने उनका नाम हैलो लिया और वहीं से हैलो कहने का चलन शुरू हो गया। मगर यह बिलकुल गलत है।
जब हमने इस बारे में इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमे पता चला कि फोन पर इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1887 में थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था और जो अब तक चला आ रहा है। थॉमस एडिसन ने 1877 में ‘हैलो’ बोलने का प्रस्ताव रखा था। जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो सबसे पहले कहा ‘हैलो’। ये उन्ही की देन है कि आज हम फ़ोन उठाते ही ‘Hello’ बोलते हैं।