सावन का महीना शुरू होते ही लोग 16 सोमवार व्रत की शुरुआत भी करते हैं. अक्सर ऐसा कहा जाता है कि 16 सोमवार व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं 16 सोमवार के व्रत में नमक क्यों नहीं खाया जाता है? आइए जानें.
हिंदू धर्म में 16 सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना गया है. ज्यादातर लोग सावन के महीने में सोलह सोमवार का व्रत शुरू करते हैं. इस व्रत को रखने के कई नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. इन्हीं नियमों में से एक है नमक न खाना. ऐसा कहा जाता है कि 16 सोमवार व्रत रखने वाले को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस व्रत में नमक का सेवन क्यों नहीं किया जाता है? आइए आपको इस लेख में बताते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 सोमवार व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है. ऐसे में इस व्रत के दौरान नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि सोमवार व्रत में नमक का सेवन से भगवान शिव अप्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में समस्याएं बढ़ने लगती हैं. ऐसे में सोमवार व्रत में नमक का सेवन करने से बचना चाहिए.
16 सोमवार व्रत में नमक क्यों नहीं खाना चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि अगर 16 सोमवार व्रत किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए रखा गया हो तो इसमें नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि, कुछ लोग सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं, जिसे शुद्ध और व्रत के दौरान स्वीकार्य माना जाता है.
16 सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए रखा जाता है और माना जाता है कि नमक का सेवन भगवान शिव को अप्रसन्न कर सकता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए. सोमवार व्रत में नमक का सेवन न करने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह माना जाता है कि उपवास के दौरान नमक न खाने से शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है.
सोलह सोमवार का व्रत करने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास है. ऐसा भी कहा जाता है कि सोलह सोमवार व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति, अच्छी सेहत, खुशहाल वैवाहिक जीवन और समृद्धि के लिए रखा जाता है. इसके अलावा, 16 सोमवार व्रत को विधि-विधान से करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.