Vastu Tips: हिंदू धर्म में व्रत-त्यौहार, खान-पान, वास्तु दिशाएं और जीवन से जुड़ी कई बातें कही गई हैं, जिसका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन बातों में खाने-पीने से लेकर व्यवहार के तौर-तरीके बताए गए हैं। ये नियम सैकड़ों वर्षों से हैं और हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा बन गए हैं।
नियमों को लेकर कई कहावतें भी हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध कहावत है तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा। ये लाइन हर किसी ने अपने जीवन में कम से कम एक बार तो सुनी ही होगी, लेकिन इसका अर्थ शायद ही कुछ लोगों को पता हो। कहते हैं कि कभी भी एक साथ तीन चीजें नहीं रखनी चाहिये, चाहे वो पूजा का सामान हो या फिर खाने की चीजें। आपने अक्सर सुना होगा कि थाली में एक साथ तीन रोटियां कभी नहीं परोसनी चाहिये, लेकिन आपको इसके पीछे के कारण के बारे में शायद ज्ञात ना हो।
इस परंपरा को कई लोग सालों से निभाते आ रहे हैं, हालांकि कई लोग इसके पीछे के कारण से अनजान हैं। भोजन की थाली में एक साथ तीन रोटियां ना परोसने के पीछे धार्मिक कारण तो है ही साथ ही वैज्ञानिक कारण भी है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई।
हिंदू धर्म में माना जाता है कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीन देवताओं ने इस सृष्टि की रचना की है। ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता, विष्णु को पालक और शिव को संहारकर्ता माना जाता है। इस हिसाब से 3 अंक को शुभ माना जाता है, लेकिन होता इसके विपरीत है।
अंक 3 को पूजा पाठ या किसी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है। इसलिए कभी भी खाने की थाली में तीन रोटियां एक साथ नहीं परोसनी चाहिए। हालांकि, इसके पीछे एक मान्यता है कि जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी त्रयोदशी संस्कार से पहले तीन रोटियां मृतकामा नामक भोजन की थाली में रख दी जाती हैं।
इसलिए थाली में तीन रोटी खाना मुर्दों का खाना माना जाता है और इसीलिए हमारे पूर्वज कभी भी थाली में तीन रोटी एक साथ नहीं लेते थे। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति थाली में तीन रोटी रखकर खाना खाता है तो उसके मन में लड़ाई-झगड़े का ख्याल आता है।
जानकारी के लिये ये भी बता दें कि व्रत खोलते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। विशेष रूप से, जब भी हम उपवास तोड़ते हैं, कभी भी एक साथ बहुत अधिक भोजन न करें। अगर इसे अधिक मात्रा में खाया जाए तो इससे पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर आपने लंबे समय से उपवास रखा है, जैसे नवरात्रों के वक्त तो सबसे पहले आपको पानी पीना चाहिए जिससे पेट ठंडा रहेगा।