प्रेग्नेंसी से बचने के लिए महिला करती है इसका इस्तेमाल… इतना खतरनाक चली जाती है जान

टीवी पर ऐड आप देखते ही होगें कि बस एक कैप्सूल 72 घंटों के अंदर अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा। हालांकि न जाने कितनी लड़कियाँ, सोच-समझ के बिना ही, इन्हें यूँ ही निगल जाती हैं। अब आप सोच रहे होगें कि आखिर मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूं.. तो बता दें कि इन गोलियों का असर बेहद खतरनाक हो सकता है. इन नकली गोलियों में घातक केमिकल भरे होते हैं, जो 72 घंटों में बस भ्रूण को खत्म नहीं करते, बल्कि यह पूरी फर्टिलिटी सिस्टम को तबाह कर देते हैं।

प्रेग्नेंसी से बचने के लिए महिला करती है इसका इस्तेमाल… इतना खतरनाक चली जाती है जान

नई दिल्ली: टीवी पर ऐड आप देखते ही होगें कि बस एक कैप्सूल 72 घंटों के अंदर अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा। हालांकि न जाने कितनी लड़कियाँ, सोच-समझ के बिना ही, इन्हें यूँ ही निगल जाती हैं। अब आप सोच रहे होगें कि आखिर मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूं.. तो बता दें कि इन गोलियों का असर बेहद खतरनाक हो सकता है.

माँ नहीं बन पाती

बता दें कि इन नकली गोलियों में घातक केमिकल भरे होते हैं, जो 72 घंटों में बस भ्रूण को खत्म नहीं करते, बल्कि यह पूरी फर्टिलिटी सिस्टम को तबाह कर देते हैं। इनसे धीरे-धीरे शरीर पर ऐसा असर शुरु होने लगता कि शादी के बाद लड़कियां माँ नहीं बन पाती। वहीं फिर उन्हें अपने ससुराल और समाज में शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है. अब सवाल यह उठता है कि अगर प्रेग्नेंसी से डरती हो तो सेक्स क्यों? और दूसरा, क्या हमारे देश में आशा, ANM, आंगनवाड़ी, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, सब बस नाम के लिए हैं? हालांकि सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा के लिए करोड़ों खर्च करती है, पर बेटियाँ यहाँ ख़ुद डॉक्टर बन जाती हैं.

कैंसर भी हो सकता है

आपको बता दें कि आज की सच्चाई यह है कि 13-14 साल की बच्चियाँ अपने बैग में i-pill रखती हैं. जिस वजह से उन्हें बड़ी बीमारियों का शिकार बन पड़ जाता हैं। इतना ही नहीं बच्चेदानी का कैंसर तक होने लगा है, और इसका एक बड़ा कारण हमारी ही अनदेखी है। हालांकि यह सच पढ़कर शायद कुछ महिलाओं को बुरा लगे, लेकिन आपकी जिंदगी बर्बाद न हो इसलिए ये जानना जरूरी है।

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