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एक ट्रेन टिकट बेचने पर रेलवे को कितनी होती है कमाई, सच्चाई सुनकर तो नहीं होगा भरोसा

एक ट्रेन टिकट बेचने पर रेलवे को कितनी होती है कमाई, सच्चाई सुनकर तो नहीं होगा भरोसा
एक ट्रेन टिकट बेचने पर रेलवे को कितनी होती है कमाई, सच्चाई सुनकर तो नहीं होगा भरोसा

भारतीय रेलवे जिसे भारत की लाइफ लाइन कहा जाता है, दैनिक यात्रियों की विशाल संख्या के कारण एक महत्वपूर्ण आर्थिक स्रोत बन गई है. इस लेख में हम भारतीय रेलवे की दैनिक कमाई के आंकड़ों पर नजर डालेंगे और जानेंगे कि रेलवे टिकट बेचकर और माल ढुलाई से कितना रेवेन्यू जेनरेट करती है.

भारतीय रेलवे का दैनिक यात्री यातायात 

भारतीय रेलवे प्रतिदिन लगभग 2.5 करोड़ यात्रियों को सेवा दे रही है जिससे यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था (world’s fourth largest rail system) बन जाती है. यह संख्या इसे एक विशाल रेवेन्यू जेनरेटिंग मशीन बनाती है जिसकी विस्तार से समझ आवश्यक है.

टिकट बिक्री से कमाई

ट्रेन में यात्रा करने के लिए यात्रियों के लिए दो प्रकार की व्यवस्था होती है – रिजर्व कोच और अनरिजर्व्ड कोच. टिकट बिक्री से भारतीय रेलवे की दैनिक कमाई बहुत बड़ी होती है, जिससे रेलवे की कुल कमाई का एक सिग्निफिकेंट हिस्सा आता है. 2021-22 के वित्तीय वर्ष में रेलवे ने प्रतिदिन औसतन 400 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें से टिकट बिक्री का योगदान 20.02% रहा.

माल ढुलाई से कमाई

रेलवे का सबसे बड़ा रेवेन्यू जेनरेटर माल ढुलाई (freight services) होती है. रेलवे के कुल राजस्व में से 75.02% हिस्सा माल ढुलाई से आता है. यह दिखाता है कि भारतीय रेलवे कितनी बड़ी मात्रा में वस्तुओं का परिवहन करती है, जो उसके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

रेलवे की अन्य आय

टिकट और माल ढुलाई के अलावा रेलवे विज्ञापन, कैटरिंग और पार्किंग जैसे विभिन्न स्रोतों से भी कमाई करती है, जो कुल राजस्व का लगभग 4.6% होता है. ये आय के स्रोत रेलवे के व्यापक वित्तीय पोर्टफोलियो को और विविधतापूर्ण बनाते हैं.

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