बता दें कि महाभारत इस विषय में कुछ और ही कहता है। आइए जानते हैं महाभारत के अनुसार, पति-पत्नी का एकसाथ थाली में खाना आपके लिए फायदेमंद है या नहीं। तो आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते है।
पांडव लेते हैं भीष्म पितामह से ज्ञान
आप को बता दें कि महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर अपने भाइयों समेत सरसैया पर लेटे भीष्म पितामह से ज्ञान प्राप्ति के लिए पहुंचते हैं। वहीं युधिष्ठर पितामह से अच्छी राजनीति कैसे की जाए और राज्य की तरक्की कैसे हो, इसके बारे में ज्ञान लेने जाते हैं।
जहां सरसैया पर लेटे भीष्म उनको कई चीजों के बारे में ज्ञान देते हैं और उस ज्ञान से अपने आसपास के लोगों की भी समझ बढ़ाते हैं। भीष्म पितामह इसके साथ ही भोजन के बारे में भी बताते हैं कि किस तरह की थाली होनी चाहिए और किसके साथ भोजन करना चाहिए, जिससे व्यक्ति में ज्ञान बढ़ सके।
इस तरह से भोजन नहीं करना चाहिए ग्रहण
महाभारत में भीष्म पितामह बताते है कि अगर कोई व्यक्ति भोजन की थाली को लाघंकर चला गया है तो इस तरह के भोजन को करने से बचना चाहिए…क्योंकि वह भोजन कीचड़ के समान हो जाता है। ऐसी थाली में लगे भोजन को ग्रहण नहीं करना चाहिए। अच्छा होगा कि उस भोजन को जानवरों को दे दें।
वहीं लक्ष्मी भी घर में प्रवेश करती है। पांडव भी मिलजुल कर और साझा करके एकसाथ भोजन करते थे। जिसने इन लोगों के बीच हमेशा प्रेम बना रहा और भगवान कृष्ण स्वयं इनको युद्ध में विजय दिलाने आए।
ऐसे भोजन से होती है हानि: भीष्म पितामह बताते है कि अगर भोजन से लगी थाली में किसी का पैर लग जाए या ठोकर लग जाए तो ऐसे भोजन को खाने योग्य नहीं होता है। ऐसे भोजन को ग्रहण करने से बचना चाहिए अन्यथा दरिद्रता की आशंका बनी रहती है।
वहीं अगर खाते वक्त भोजन में से बाल निकल आए तो ऐसा खाना खाने योग्य नहीं होता, वह दूषित हो जाता है। ऐसा भोजन खाने से व्यक्ति को धन की हानि का सामना करना पड़ता है।
पति-पत्नी को एकसाथ इस वजह से नहीं करना चाहिए भोजन
भीष्म पितामह के अनुसार पति-पत्नी एकसाथ थाली में खाना अच्छा नहीं माना जाता। वह खाना मद के समान होता है क्योंकि प्रेम आपके ऊपर ज्यादा हावी हो जाता है। जिसके चलते आप दीन दुनिया बेखबर हो सकते हैं।
वहीं परिवार में लड़ाई-झगड़ा शुरू हो सकता है। क्योंकि पत्नी का प्रेम ही आपकी नजर में सर्वोपरि होने लगता है। सामाजिक जीवन में व्यवहारिकता कम हो जाती है। इस तरह की बातें महाभारत के अनुशासन पर्व में कही गई हैं।