धार्मिक कारणों के अनुसार ऐसा इस वजह से किया जाता है कि श्मशान भूमि पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसलिए नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से बचने के लिए घर आते ही स्नान करना बहुत जरूरी हो जाता है। औरतें पुरुषों से ज्यादा भावुक हो जाती हैं। इसलिए उन्हें श्मशान घाट में नहीं जाने दिया जाता है। दाह संस्कार करने के बाद भी मृतक आत्मा का सूक्ष्म शरीर श्मशान घाट में मौजूद रहता है। और कुदरत के अनुसार कोई नुकसानदायक प्रभाव भी डाल सकता है।
श्मशान घाट से आते ही नहाने का वैज्ञानिक कारण यह है कि मौत के बाद शव में कई प्रकार के बैक्टीरिया फैल जाते हैं। और शव के संपर्क में आने से ये बैक्टीरिया व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर सकते हैं। और दाह संस्कार के समय वहां मौजूद लोगों के शरीर में भी बैक्टीरिया फैल सकते हैं। इसलिए दाह संस्कार करने के बाद नहाना बहुत जरूरी होता है।