Ajab GazabIndia

स्कूल प्रिंसिपल को मारी गोली , फिर दो साल जेल में की पढ़ाई, इस बार हुआ ऐसा……

स्कूल प्रिंसिपल को मारी गोली , फिर दो साल जेल में की पढ़ाई, इस बार हुआ ऐसा……

सीतापुर : यूपी के सीतापुर में जहां दो बच्चों ने दसवीं और बारहवीं में यूपी टॉप किया है वहीं एक छात्र ऐसा भी है जो कत्ल के आरोप में जेल में हैं। वहीं से उसने परीक्षा दी और पास हुआ।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शनिवार को बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इसमें रेउसा थानाक्षेत्र के गुरुविंदर सिंह ने भी सफलता प्राप्त की है। गुरुविंदर की कहानी अनोखी है। वह हत्या के प्रयास में विचाराधीन है। हत्या का प्रयास गुरुविंदर ने अपने प्रिंसिपल पर ही किया। वह बीते दो साल से जेल में हैं। इस बार की परीक्षा में इन्होंने 500 में 195 अंक प्राप्त किए हैं।

जेल अधीक्षक एस के सिंह ने बताया कि सभी बंदियों ने काफी मेहनत से यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए पढ़ाई की। इस वजह से उन्हें सफलता मिली है। बंदियों ने जेल में दिन के समय लाइब्रेरी और रात के समय बैरक में पढ़ाई की। उन्हें आवश्यकतानुसार सिलेबस की पुस्तकें उपलब्ध कराने के साथ पढ़ने के लिए सहूलियत दी गई।

गौरतलब है कि गुरविंदर सिंह ने जेल में रहकर अपनी जिंदगी को एक नया मुकाम दिया। गुरविंदर ने वर्ष 2022 के सिंतबर माह में अपने ही इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल को गोलियों से भून दिया था। वह उस समय बारहवीं कक्षा में था। वह सदरपुर थाना क्षेत्र के आदर्श रामस्वरूप इंटर कॉलेज का छात्र था। वहीं, दानपुरवा गांव निवासी राम सिंह वर्मा प्रिंसपल थे। गुरविंदर सिंह का सहपाठी रोहित मौर्य संग सीट पर बैठने को लेकर झगड़ा हो गया था। तब गुरिंदर सिंह ने रोहित को पीट दिया था।

प्रिंसिपल राम सिंह वर्मा ने समझा-बुझाकर दोनों को शांत कराया और गुरिंदर सिंह को मारपीट करने के लिए फटकार लगाई थी। नाराज छात्र गुरविंदर ने स्कूल के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण कर रहे प्रिंसिपल राम सिंह वर्मा पर अवैध असलहे से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इस दौरान प्रिंसिपल रामसिंह वर्मा कार्यालय की ओर भागे तो छात्र ने उनका पीछा किया। दोबारा फायरिंग की तो गोली प्रिंसिपल के सिर में लगी थी। उसने प्रिंसपल पर तीन गोलियां चलाई थीं। इस हमले वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लेकिन इलाज के बाद उनका जीवन बच गया।

इसके बाद गुरुविंदर फरार हो गया था। पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह जेल में है। हालांकि जेल प्रशासन की मानें तो गुरविंदर को जेल में अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने जेल में रहकर अपने जीवन को नई दिशा देने की ठान ली है। यही वजह रही कि जेल की चाहरदीवारी के बीच भी गुरविंदर ने पढ़ाई कर बोर्ड परीक्षा में सफलता हासिल की।

himachalikhabar
the authorhimachalikhabar

Leave a Reply